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प्रदोष व्रत रखने पर भगवान शिव भक्तों की हर मनोकामना करते हैं पूरी, ऐसे करें पूजन - Pradosh Vrat Pujan 2024

सनातन धर्म के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव और मां पार्वती प्रसन्न होते हैं और भक्त को सुख सौभाग्य का आशीर्वाद भी देते हैं. भगवान शिव भक्तों की सभी समस्याओं का भी निवारण करते हैं. ऐसे में अब 19 जून को प्रदोष व्रत भक्तों के द्वारा रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि 19 जून को सुबह 7:28 पर शुरू होगी और 20 जून को सुबह 7:49 पर इसका समापन होगा. प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा का विशेष व महत्व है.

PRADOSH VRAT PUJAN 2024
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 18, 2024, 3:56 PM IST

कुल्लू: वैदिक पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष में त्रयोदशी तिथि आती है और त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. ऐसे में त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है और इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार जून माह का दूसरा प्रदोष व्रत 19 जून को रखा जाएगा. वहीं, इस दिन सिद्ध योग, साध्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है.

सनातन धर्म के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव और मां पार्वती प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख सौभाग्य का आशीर्वाद भी देते हैं. भगवान शिव भक्तों की सभी समस्याओं का भी निवारण करते हैं. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि 19 जून को सुबह 7:28 पर शुरू होगी और 20 जून को सुबह 7:49 पर इसका समापन होगा. प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व है. इसलिए 19 जून बुधवार को ही प्रदोष का व्रत रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त के 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक पूजा का शुभ मुहूर्त कहा गया है.

भगवान शिव के बीज मंत्र का करें जाप

आचार्य विजय कुमार का कहना है कि प्रदोष व्रत के दिन भक्त स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और अपने घर के मंदिर की भी सफाई करें. पूजा की सभी सामग्री एकत्र कर चौकी पर भगवान शिव के परिवार की प्रतिमा स्थापित करें. फिर भगवान शिव और माता पार्वती को स्नान करवाने के बाद विधिपूर्वक पूजन करें तथा सांयकाल में भी भगवान शिव की विशेष पूजा करें. भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और प्रदोष व्रत की कथा भी पड़े. ऐसे में भक्त भगवान शिव के बीज मंत्र ओम नमः शिवाय का भी जाप करें.

प्रदोष व्रत में चावल और नमक के सेवन की मनाही

शिव चालीसा के पाठ के साथ-साथ माता पार्वती और भगवान शिव की आरती भी करें. भक्त को इस दिन चाहिए कि वह तामसिक भोजन बिल्कुल भी ना करें और किसी भी व्यक्ति के प्रति अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. प्रदोष व्रत में चावल और नमक के सेवन की भी मनाही है. इसके अलावा भगवान शिव की पूजा में सिंदूर, हल्दी, तुलसी और केतकी के फूल का भी उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.

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