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छात्रवृत्ति घोटाला; हाइजिया ग्रुप के मालिक समेत 6 के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मिले पर्याप्त सबूत - POST MATRICULATION SCHOLARSHIP SCAM

अदालत ने लिया ED के पूरक आरोपपत्र का संज्ञान, 75 करोड़ से अधिक का हुआ था घोटाला

आरोपियों पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई.
आरोपियों पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 17, 2024, 7:02 AM IST

लखनऊ :दिव्यांगों को दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में 6 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य मिल गए हैं. ED के पूरक आरोप पत्र का कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है. मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन सैयद इशरत हुसैन जाफरी समेत अन्य के खिलाफ विशेष न्यायालय में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत शिकायत दायर की गई है.

18 नामजद समेत अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया था मुकदमा :साल 2015 से केंद्र व राज्य सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति को कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. प्रवर्तन निदेशालय ने कॉलेजों में छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे. इसमें सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए खातों में मेल आईडी और मोबाइल नंबर एक ही दिए गए थे. इसके अलावा बैंक के अकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे. इसमें कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद 10 सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.

फेक छात्रों को संस्थानों में दिलाया दाखिला :ईडी के मुताबिक हजरतगंज थाने में दर्ज एफआईआर को आधार बनाते हुए एजेंसी ने भी अपनी जांच शुरू की थी. इसमें सामने आया कि प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधकों और ट्रस्टियों ने अपने संस्थानों में नाम मात्र के लिए फर्जी/डमी छात्रों को दाखिला दिलाया. सरकारी पोर्टल पर उनके नाम पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया. इसका एकमात्र उद्देश्य जरूरतमंद छात्रों के लिए सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठाना था. इस संबंध में सभी औपचारिकताएं संस्थानों ने विभिन्न एजेंटों के माध्यम से खुद ही पूरी कीं. इस प्रकार प्राप्त छात्रवृत्ति को कॉलेजों के खातों में स्थानांतरित कर दिया गया. उसके बाद नकद में निकाल लिया गया. मालिकों/प्रबंधकों/ट्रस्टियों या परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत खातों में स्थानांतरित कर दिया गया. इस प्रकार, उनके कार्यों के परिणामस्वरूप जरूरतमंद और वास्तविक छात्रों को वंचित करके करोड़ों रुपये के सरकारी धन का गबन किया गया.

41.13 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है कुर्क :ईडी ने छात्रवृत्ति घोटाला मामले में अब तक हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन सैयद इशरत हुसैन जाफरी समेत 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. जबकि ईडी अब तक हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज की 41.13 करोड़ की सपत्ति कुर्क कर चुकी है. वहीं अब इस मामल में ईडी ने पूरक अभियोजन शिकायत (पीसी) कोर्ट में दायर की थी. इसका कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है.

किन-किन पर दर्ज हुई FIR :एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इजहार हुसैन जाफरी, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन गुप्ता, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई के प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह शामिल हैं.

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