कानपुर: यूपी में सड़क दुर्घटनाओं में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इनमें ज्यादातर लोगों की जहां जान चली गई है, तो वहीं कुछ लोग ने अपने अंग तक गवा दिए हैं. पिछले कुछ समय से कानपुर में भी सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए यातायात विभाग के द्वारा लगातार कवायत की जा रही है. इसके बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं. अब ऐसे में शासन के आदेश पर कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने सड़क हादसों में कमी लाने के लिए कानपुर शहर में सभी पेट्रोल संचालकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह किसी भी दोपहिया वाहन चालक को बिना हेलमेट के पेट्रोल नहीं देंगे. 26 जनवरी से शहर के सभी पेट्रोल पंपों पर आदेश लागू भी हो चुका है.
इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने रविवार को शहर के कई पेट्रोल पंपों पर जाकर उनका रियलिटी चेक किया. जहां पर "नो हेलमेट नो फ्यूल" इस आदेश की जमकर धज्जियां उड़ती दिखाई दी. अब इसे हम पेट्रोल संचालकों की लापरवाही कहें या फिर उनकी ज्यादा तेल बेचने की मजबूरी. फिलहाल जो नियम लागू किया गया है यह जमीनी स्तर पर कारगर साबित होते नहीं दिख रहा है. इस दौरान चौकाने वाली बात यह थी कि आदेश के बाद किसी भी पंप कर्मी के द्वारा लोगों से यह तक नहीं पूछा गया कि उन्होंने हेलमेट क्यों नहीं पहना है?
वहीं, दो पहिया वाहन चालक अनिल गुप्ता ने बताया कि आम जनमानस की सुरक्षा को देखते हुए जिलाधिकारी के द्वारा यह काफी अच्छा फैसला लिया गया है. इससे सड़क दुर्घटनाओं में रोक लगेगी. आवास विकास निवासी अनुराग गुप्ता ने बताया कि, पिछले कुछ समय में कानपुर शहर में सड़क दुर्घटनाओं में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है, जिससे कई लोगों की जान भी गई है ऐसे में यह जो शासन के द्वारा आदेश दिया गया है कि बिना हेलमेट के फ्यूल नहीं दिया जाएगा और यह पूरी तरह से सही है.
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि, प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है की जनपद में साल 2024 में सड़क दुर्घटना में करीब 600 लोगों की मृत्यु हुई है. उन्होंने कहा कि, हर दिन सड़क दुर्घटना में करीब दो लोगों की मौत हो रही है. इसमें कई लोग ऐसे भी शामिल है, जिन्होंने सड़क दुर्घटना में अपना अंग खोया होगा, उनका इलाज के दौरान काफी पैसा भी खर्च हुआ होगा.
उन्होंने बताया कि, मुख्यमंत्री के द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में लगाम लग सके और जो मृत्यु दर है उसमें कमी आ सके. इसको लेकर "नो हेलमेट नो फ्यूल की" पॉलिसी शासन के आदेश पर मेरे द्वारा लागू की गई है. शहर के सभी पेट्रोल संचालकों को मेरे द्वारा यह निर्देश दिया गया है है कि वह अपने पेट्रोल पंप पर नो हेलमेट नो फ्यूल के बोर्ड और बैनर लगाए, ताकि जो दो पहिया वाहन सवार है. वह हेलमेट लगाने के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें. इसके बाद ही उन्हें पेट्रोल दे. जिले में कुल 267 पेट्रोल पंप: कानपुर में कुल 267 पेट्रोल पंप है. इनमें शहरी क्षेत्र में 135 पेट्रोल पंप है. वहीं दक्षिण क्षेत्र में 135 पेट्रोल पंप है.
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