भोपाल: मध्य प्रदेश का इंदौर शहर देश में स्वच्छता ही नहीं कम प्रदूषित शहरों की सूची में भी अव्वल है. वर्तमान में प्रदेश में सबसे शुद्ध हवा इंदौर की है. यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) 52 है, जो सूबे में सबसे कम है. वहीं दूसरे नंबर पर अनूपपुर है, यहां का एक्यूआई 53 है. वहीं सबसे प्रदूषित शहर की बात करें तो रतलाम टॉप पर है. यहां का AQI लेवल 180 तक पहुंच गया है.
इन शहरों की हवा संतोषजनक 0 से 50 तक एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे बेहतर माना जाता है. इसे अच्छी श्रेणी का कहा जाता है. लेकिन एमपी में किसी भी शहर का एक्यूआई 50 से कम नहीं है. वहीं 50 से 100 के बीच एक्यूआई को संतोषजनक माना जाता है. अनूपपुर, बैतूल, दमोह, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, कटनी, खंडवा, खरगोन, मैहर, पन्ना और सागर इस कैटेगरी में आते हैं. वहीं 100 से 200 के बीच एक्यूआई मध्यम प्रदूषित, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 तक बहुत खराब और 401 से 500 तक एक्यूआई को गंभीर माना जाता है.
इन शहरों में दीपावली के बाद बिगड़ सकती है सेहत अभी मध्य प्रदेश के अधिकांश शहरों की वायु गुणवत्ता संतोषजनक है. भोपाल, देवास, मंडीदीप, पीथमपुर, रतलाम, सागर, सिंगरौली और उज्जैन का एक्यूआई 101 से 200 के बीच है, यानि अभी यहां का वायु मध्यम प्रदूषित है. लेकिन दीपावली में पटाखों के कारण इन शहरों का एक्यूआई 300 के पार जा सकता है. जिससे इन शहरों की वायु गुणवत्ता खराब हो सकती है.
ऐसे समझें वायु गुणवत्ता सूचकांक एयर क्वालिटी इंडेक्स से ये पता चलता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली है. हवा की गुणवत्ता के आधार पर इस इंडेक्स में छह कैटेगरी बनाई गई है- अच्छी, संतोषजनक, थोड़ी प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर. हवा की गुणवत्ता के अनुसार इसे अच्छी से खराब और फिर गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है. इसी के आधार पर इसे सुधारने के लिए प्रयास किया जाता है.
पीएम 2.5 और 10 का मतलब पीएम का मतलब होता है पार्टिकुलेट मैटर, जो हवा के अंदर मौजूद सूक्ष्म कणों को मापते हैं. वहीं 2.5 और 10 हवा में मौजूद कणों के आकार को दर्शातें है. यानि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का आंकड़ा जितना कम होगा, हवा में मौजूद कण उतने ही छोटे होते हैं. दीपावली में पटाखों के कारण पार्टिकुलेट मैटर का आंकड़ा बढ़ जाता है. जिससे अधिकतर देखा गया है कि दीपावली के बाद वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. इसके अलावा वाहनों का आवागमन, शहरों में चल रहे निर्माण कार्य, खेतों में जलाई जा रही पराली और फैक्ट्रियों से निकला धुआं भी वायु प्रदूषण के बड़े कारण हैं.
पिछले दीपावली के बाद इस प्रकार प्रदूषित हुई थी हवा पिछले साल दीपावली में पटाखों के कारण मध्यप्र देश की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई थी. प्रमुख शहरों का एक्यूआई 300 से 400 के बीच था. जबकि ग्वालियर का एक्यूआई तो गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था. पिछले साल दीपावली के दूसरे दिन ग्वालियर का वायु गुणवत्ता सूचकांक ग्वालियर 405, भोपाल 356, रतलाम 345, खंडवा 344, उज्जैन 340, इंदौर 336, सिंगरौली 334, जबलपुर 329, कटनी 319 और देवास का वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 था.