दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस और AAP में सियासी तकरार पुरानी, दिल्ली की सीटों पर नहीं बन रही बात

Lok Sabha Election 2024: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुट गई है. वहीं, सीट शेयरिंग सहित कई मुद्दों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी तकरार अब भी जारी है.

लोकसभा चुनाव 2024
लोकसभा चुनाव 2024

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 10, 2024, 3:24 PM IST

नई दिल्ली:आगामी लोकसभा चुनाव होने में कुछ ही महीने का समय बचा है. बीजेपी दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर तीसरी हैट्रिक बनाने की कोशिश में जुट गई है. वहीं, पहली बार बीजेपी को हारने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने के तैयारी में हैं. हालांकि, इस बाबत अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है कि आम आदमी पार्टी कितनी सीटों और कांग्रेस कितनी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. सीट शेयरिंग के मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में मतभेद कोई नया नहीं है. गत वर्षो के दौरान दिल्ली से लेकर देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी दोनों ही राजनीतिक दलों की राय अलग-अलग रही है.

दिल्ली में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी को जितने फीसद वोट मिले थे, उसके अनुसार बीजेपी को चुनौती देने के लिए आप और कांग्रेस को कड़ी मेहनत करनी होगी. वर्ष 2014 से 2019 में बीजेपी को मिले कुल वोट फीसद में इजाफा हुआ है. अगर यह ट्रेंड इस बार भी बरकरार रहा तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कैसे बीजेपी को टक्कर देंगी, यह बड़ा सवाल बन गया है. विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी व कांग्रेस भले ही सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक कई बैठकें कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कुछ तय नहीं हुआ है.

राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. दिल्ली में भी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है. पिछले दोनों लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई थी, दोनों बार दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई थीं. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी, उसे केवल 18.2 फीसद वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसद और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसद वोट मिले थे.

कांग्रेस व आप के बीच इन मुद्दों पर हो चुकी तकरार व सहमति:

  1. आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाद पंजाब में कांग्रेस को हराकर सत्ता हासिल की.
  2. आप के दूसरे राज्यों में पैर पसारने की कवायद में असली टारगेट कांग्रेस ही है.
  3. आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी की कार्रवाई को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का रुख अलग रहा है.
  4. जब कांग्रेसी नेताओं पर इन एजेंसियों का दबाव बढ़ा तो 'आप' नेता इस मुद्दे से दूर रहे.
  5. इसी तरह दिल्ली में शराब नीति मामले में आप नेताओं पर दबिश पड़ी तो कांग्रेस दूर रही.

ये भी पढ़ें:लोकसभा में राम मंदिर पर शाह बोले- 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक, धर्म से ना जोड़ा जाए

उधर, बीते रविवार को ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंद सिंह लवली ने लोकसभा के सातों सीटों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है. उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ता व आम जनता से जीतने योग्य और साफ सुथरी छवि वाले लोकप्रिय व्यक्तियों का नाम पर सुझाव मांगने की बात कही है. तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद संदीप पाठक भी खुलकर कह चुके हैं कि सीट शेयरिंग को लेकर पार्टी कांग्रेस नेताओं के समक्ष अपनी बात रख चुकी है. लेकिन जब निर्णय नहीं लिया गया है तो पार्टी के सामने अब प्रत्याशियों का चयन करना ही विकल्प बचा है. आम आदमी पार्टी की 13 फरवरी को होने वाली पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में भी इस पर बड़ा फैसला हो सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details