पटना: मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय चुनाव आयोग की टीम तीन दिवसीय बिहार प्रवास में है. दूसरे दिन मंगलवार को चुनाव आयोग की टीम ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चुनाव को लेकर सुझाव मांगा. पटना के होटल लेमन ट्री में चल रहे बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने आकर अपने सुझाव दिए. किसी ने तीन चरण में लोकसभा चुनाव कराने का सुझाव दिया तो किसी ने ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने का सुझाव दिया है.
तीन चरण में हो चुनाव:जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने चुनाव आयोग को सुझाव देकर निकालने के बाद कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को मुख्य सुझाव के रूप में कहा है कि बिहार में तीन चरण में चुनाव कराया जाए. सात चरण में चुनाव होने से राजनीतिक दलों को काफी आर्थिक बोझ पड़ता है और प्रत्याशियों को भी काफी परेशानी होती है. चुनाव के समय गर्मी का मौसम रहता है और इस समय 7 फेज में चुनाव काफी थकाने वाला हो जाता है.
"मैंने सुझाव दिया है कि चुनाव को तीन चरण में कराना चाहिए. गर्मी के मौसम में सात चरण में चुनाव कराने से थकान बढ़ती है. साथ ही 7 फेज में चुनाव से राजनीतिक दलों को काफी आर्थिक बोझ पड़ता है और प्रत्याशियों को भी काफी परेशानी होती है."-ललन सिंह, जदयू सांसद
बैलट पेपर से हो चुनाव: कांग्रेस की ओर से बृजेश प्रसाद ने कहा कि उन्होंने वैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कही है. बैलट पेपर से चुनाव नहीं होते हैं तो ईवीएम से वोट डालने के बाद जो पर्ची निकलती है उस पर्ची की भी अलग से गिनती की जाए. वहीं ईवीएम के वोट से इसके मिलान करने की बात कही है. दोनों का मिलान करके ही चुनाव के परिणाम की घोषणा की जाए और पहले पोस्टल बैलट के वोटो की गिनती करके उसके बाद ही ईवीएम के वोटो की गिनती हो.
1000 वोटर पर हो एक बूथ: आरजेडी की ओर से वृषण पटेल ने कहा कि उन्होंने "ईवीएम की बजाय पोस्टल बैलेट से चुनाव कराने की मांग की है. यदि मतगणना प्रतिशत बढ़ता है तो एक बूथ पर वोटर की संख्या कम की जाए. 1500 वोटर पर एक बूथ जो बनाया गया है, इससे पोलिंग परसेंटेज डाउन हो जाएगा."उन्होंने डिमांड किया है कि 1000 वोटर पर ही बूथ का निर्माण किया जाए. इसके अलावा यदि ईवीएम से ही चुनाव होता है तो वोट डालने के बाद जो पर्ची निकलती है उसकी भी अलग से गिनती हो.