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ऑपरेशन एंटी वायरस : साइबर ठगों की प्रोपर्टी जब्त करेगी पुलिस, संपत्ति का तलाश रही ब्यौरा - Campaign against cyber thugs - CAMPAIGN AGAINST CYBER THUGS

मेवात क्षेत्र में साइबर ठगों के खिलाफ लगातार अभियान जारी है. साइबर ठगी में कमी लाने के लिए पुलिस नए-नए तरीके अपना रही है. साइबर क्राइम करने वाले आरोपियों की सम्पत्ति का पुलिस ब्यौरा जुटा रही है. पुलिस साइबर ठगों की प्रॉपर्टी जब्त करेगी.

CAMPAIGN AGAINST CYBER THUGS
ठगों की प्रोपर्टी जब्त करेगी पुलिस (File Photo)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 7:29 AM IST

ठगों की प्रोपर्टी जब्त करेगी पुलिस (Video : Etv Bharat)

अलवर. राजस्थान के मेवात इलाके में तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड को अंजाम देने वाले आरो​पियों पर शिकंजा कसने के​ लिए पुलिस उनकी सम्पत्ति का ब्यौरा एकत्रित कर प्रोपर्टी जब्त करेगी. आईजी भरतपुर और जयपुर ने मेवात के पुलिस अधीक्षकों की बैठक में साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों के खिलाफ रणनीति तैयार की है.

अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि भरतपुर की तर्ज पर अलवर में भी "ऑपरेशन एंटी वायरस" चलाया जा रहा है. आईजी भरतपुर और जयपुर ने मेवात के पुलिस अधीक्षकों की बैठक में साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों के खिलाफ रणनीति तैयार की है, जिससे आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके. इसमें सॉफ्टवेयर से उनकी लाइव लोकेशन ट्रेस कर कार्रवाई की जा रही है. वहीं सॉफ्टवेयर से आरोपी कौन सी सिम किन-किन राज्यों में उपयोग कर रहा है, इसका भी पता लगाया जा रहा है. अलवर पुलिस करीब डेढ़ साल में 1 लाख से ज्यादा मोबाइल सिम ब्लॉक करा चुकी है.

पुलिस की सख्ती से साइबर ठगी में आई कमी : मेवात क्षेत्र में साइबर ठगों के खिलाफ लगातार अभियान जारी है. साइबर ठगी में कमी लाने के लिए पुलिस नए-नए तरीके अपना रही है. साइबर क्राइम करने वाले आरोपियों की सम्पत्ति का पुलिस ब्यौरा जुटा रही है. पुलिस साइबर ठगों की प्रॉपर्टी जब्त करेगी. साथ ही पुलिस एंटीवायरस अभियान में कई साइबर ठगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. जिसके चलते अलवर जिले में साइबर ठगी के मामलों में कमी आई है.

इसे भी पढ़ें :साइबर फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार आरोपी खिड़की से कूद कर पुलिस कस्टडी से फरार - Accused flee from police custody

सॉफ्टवेयर से अपराधियों की लाइव लोकेशन कर रहे ट्रेस :अलवर पुलिस की ओर से साइबर ठगों के खिलाफ चलाए जा रहे एंटी वायरस अभियान में एक सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है. इस सॉफ्टवेयर पर देश भर में साइबर फ्रॉड करने वाले अपराधियों के मोबाइल नम्बर रिफ्लेक्ट होते हैं. पुलिस इन मोबाइल नम्बरों की स्टडी कर अपराधियों की लाइव लोकेशन ट्रेस करती है और साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों को पकड़ती है. बाद में पुलिस इन बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हैं. सॉफ्टवेयर की मदद से पुलिस को साइबर ठगों की मोबाइल सिम द्वारा विभिन्न राज्यों में साइबर ठगी की घटनाओं को पता लगाना आसान हो जाता है. बाद में पुलिस की ओर से साइबर क्राइम वाले राज्यों के पुलिस अधीक्षकों व थानों में पत्र लिखकर अवगत कराया जाता है. जिससे पुलिस ऐसे बदमाशों को अपने राज्य में ले जाकर गिरफ्तार कर सके. इससे साइबर ठगों के हौसले टूटते हैं. इससे साइबर क्राइम के इंफ्रास्ट्रक्चर को तोड़ने में पुलिस को मदद मिलती है.

पुलिस ने एक लाख से ज्यादा ब्लॉक कराई सिम : पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि पुलिस की ओर से सस्पेक्टेड सिम को ब्लक में इकट्ठा कर बंद करवाने की कार्रवाई की जा रही है. पिछले दिनों सॉफ्टवेयर पर करीब 6552 सस्पेक्टेड सिम एक्टिव थे. उनमें से पुलिस ने करीब साढे पांच हजार से ज्यादा सिम को एक साथ ब्लॉक करवाया. बीते डेढ़ साल में 1 लाख से ज्यादा सिम को पुलिस ने ब्लॉक करवाया है.

ठगी वाले वाहन भी होंगे जब्त : अलवर ने पुलिस की ओर से साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. साथ ही ठगी में उपयोग लिए जाने वाले वाहनों को जब्त करना शुरू कर दिया है. वहीं, मेवात में प्राइवेट एटीएम वंडर्स की ओर से खोले गए एटीएम को नोटिस जारी कर उनमें से कुछ एटीएम को बंद भी कराया गया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस महानिदेशक स्तर पर बैंकों के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर मेवात में खोले गए एटीएम से साइबर ठगी की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी की जानकारी दी गई. साथ ही बैंकों की ओर से प्राइवेट एटीएम वेंडर्स को नोटिस भी जारी किए गए हैं और कुछ एटीएम को बंद भी किया गया है.

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