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कोल्हान में बड़े घमासान की कवायद, नक्सलियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई की तैयारी! - NAXALITES IN JHARKHAND

झारखंड में नक्सलवाद अब अंतिम सांसे दिन रहा है. इसके संपूर्ण खात्मे के लिए अब झारखंड पुलिस ने पूरी तरह से कमर कस ली है.

Police preparing for big fight against Naxalites in Kolhan area of Jharkhand
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 13, 2024, 5:53 AM IST

रांचीः झारखंड के कोल्हान में नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े घमासान की तैयारी शुरू हो गई है. एक तरफ जहां ग्रामीण उग्रवादियों के खिलाफ गोलबंद होकर उन्हें खुद सजा देने लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ झारखंड पुलिस ने पूरी जगुआर बटालियन को ही कोल्हान में नक्सलियो के खात्मे के लिए लगा दिया है.

जगुआर की सभी कंपनियां कोल्हान में तैनात

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि झारखंड से नक्सलवाद का खात्मा 95 प्रतिशत तक हो चुका है. अब वे यह समझने का काम कर रहे हैं कि आखिर जब हाथी निकल गया तो फिर उसकी पूंछ कैसे फंसी हुई है. आखिर जब झारखंड पुलिस ने 95% नक्सलवाद को खत्म कर दिया है तो फिर 5 प्रतिशत क्यों खत्म नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर डीजीपी ने बताया कि इसे लेकर उन्होंने गहन समीक्षा की है, जिसमें कई तथ्य निकलकर सामने आए हैं.

कोल्हान में नक्सलियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई की तैयारी में झारखंड पुलिस (ETV Bharat)

करोड़ों के इनामी नक्सली डाले हुए हैं डेरा

झारखंड पुलिस अब ट्राई जंक्शन और कोल्हान के दुर्गम इलाकों में नक्सलियों के ठिकानों पर अपनी जोरदार दबिश दे रही है. हाल के दिनों में बूढ़ापहाड़ के बाद अगर दूसरा कोई सुरक्षित स्थान भाकपा माओवादियों के लिए बचा है तो वह सारंडा और ट्राई जंक्शन वाला ही इलाका है. ऐसे में अब झारखंड पुलिस अपना रुख सरंडा की तरफ कर चुकी है.

वर्तमान में भाकपा माओवादियों का सबसे मजबूत दल सारंडा में डेरा डाले हुए है. सारंडा में माओवादियों के केंद्रीय कमेटी मेंबर और एक करोड़ के इनामी अनल दा, 25-25 लाख के इनामी सैक सदस्य अनमोल, अजय महतो, चमन उर्फ लंबू के अलावा 15 लाख का इनामी रिजनल कमांडर अमित मुंडा भी मौजूद है.

ग्रामीण हुए गोलबंद

कोल्हान इलाके में अब भोले-भाले ग्रामीण भी नक्सलियों से ऊब चुके हैं. पिछले एक सप्ताह के दौरान अलग-अलग इलाकों में दहशत फैला रहे हैं. तीन पीएलएफआई नक्सलियों को ग्रामीणों ने पकड़कर उन्हें पीट-पीटकर मार डाला. दरअसल ग्रामीणों की अपनी मजबूरी है नक्सलियों ने अपने आपको बचाने के लिए पूरे जंगल में बम बिछा दिए हैं.

इन बमों का शिकार न सिर्फ ग्रामीण हो रहे हैं बल्कि जवानों के साथ-साथ ग्रामीणों के पालतू जानवर भी हो रहे हैं. ग्रामीणों के जीवन यापन का मुख्य स्रोत जंगल है लेकिन जंगल पर नक्सलियों का कब्जा है. ऐसे में अब ग्रामीण भी नक्सलियों के खिलाफ गोलबंद होकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं.

जगुआर-सीआरपीएफ का अभियान जारी

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि नक्सलियों के ठिकानों पर सुरक्षाबल लगातार कड़ा प्रहार कर रहे हैं. अब झारखंड पुलिस का पूरा फोकस सारंडा, सरायकेला, चाईबासा और खूंटी के ट्राई जंक्शन बना हुआ है. इस इलाके में जगुआर और केंद्रीय बलों के जवानों के साथ साथ जिला पुलिस की टीम भी लगातार अभियान चला रही है.

कोल्हान में दो साल के अभियान में क्या-क्या हुआ (ETV Bharat)

दो साल के अभियान में क्या-क्या हुआ कोल्हान में

साल 2022 से लेकर अब तक सारंडा के घनघोर जंगलों में 17 पुलिस कैंप स्थापित कर दिए गए. इस अभियान के दौरान 169 नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई है, साथ ही पुलिस के साथ मुठभेड़ में 6 नक्सलियों को मार गिराया गया है. साथ ही उनके पास से 53 हथियार भी बरामद किए गए, 500 से ज्यादा आईईडी बम, 170 से ज्यादा स्पाइक होल और 34 नक्सलियों के बंकर्स को ध्वस्त किया गया है.

2022 से 2024 तक सरेंडर भी हुआ

कोल्हान में चल रहे अभियान से घबराकर पिछले दो वर्ष के दौरान 26 नक्सली कैडर्स ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए थे. झारखंड पुलिस का दावा है कि जल्द ही पूरे सारंडा को नक्सलियों से मुक्त करवाया जाएगा.

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