करनाल: जिले में डेंगू के साथ-साथ अब निमोनिया ने भी दस्तक दे दी है. सुबह-शाम की बढ़ रही ठंड के कारण बीमारियां बढ़ी है. जिले में डेंगू ग्रस्त मामले भी 400 के पार पहुंच गए हैं. डेंगू के केसों के मामलों में करनाल प्रदेश में दूसरे नम्बर पर पहुंच गया है.
ज्यादातर बच्चों में निमोनिया के लक्षण दिखाई देने लगे है. जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. करनाल जिला सिविल सर्जन ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में काम कर रहे हैं. लोगों को भी जानकारी दी जा रही है. साथ ही लार्वा डिटेक्शन टीम अपना काम कर रही है.
घरेलू उपचार में समय नहीं गंवाएं : डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नीलम ने बताया कि संक्रमण की बीमारियों में निमोनिया नंबर एक की बीमारी है. इसलिए घरेलू उपचार में समय नहीं गंवाना चाहिए. निमोनिया के लक्षण पहचान कर बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. निमोनिया में बैक्टीरिया श्वास के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और इंफेक्शन करते हैं.
बच्चों का होता है टीकाकरण : स्वास्थ्य विभाग की ओर से एसएएएनएस अभियान चलाया हुआ है. इसका उद्देश्य है कि बाल निमोनिया के संरक्षण और रोकथाम के लिए हस्तक्षेप पर समुदाय में जागरूकता पैदा करना. इसका स्लोगन है - "निमोनिया नहीं तो बचपन सही". निमोनिया से बचाव के लिए विभाग की ओर से बच्चों का टीकाकरण किया जाता है, जिसमें तीन टीके अलग-अलग समय में लगाए जाते हैं.
निमोनिया के लक्षण:
- खांसी और जुकाम का बढ़ना.
- तेजी से सांस लेना.
- सांस लेते समय पसली चलना या छाती का नीचे धंसना.
- तेज बुखार आना.