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'नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा सकते थे..' बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने क्यों कही ये बात? - DILIP JAISWAL

बीजेपी के कद्दावर नेता दिलीप जायसवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति शासन लगा सकते थे लेकिन नहीं लगाया..

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पीएम नरेंद्र मोदी और प बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 12, 2025, 4:29 PM IST

पटना: बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को निरंकुश बताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश में राष्ट्रपति शासन लागू किया और राज्यों में चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त किया. इससे देश में अव्यवस्था फैली. जायसवाल ने कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए कहा कि पार्टी ने देश में अराजक स्थिति पैदा की है.

'प. बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा सकते थे मोदी..' :दिलीप जायसवाल ने कहा कि भाजपा के पास भी राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने के पर्याप्त कारण हैं. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते तो पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता था. इसके अलावा कई राज्यों की स्थिति भी ठीक नहीं है, जहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.

'प. बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा सकते थे मोदी..' (ETV Bharat)

"बंगाल के शासन को मोदी जी चाहते तो भंग कर देते, या कोई अन्य राज्य जिनकी हालत ठीक नहीं है उसमें राष्ट्रपति शासन लगा सकते थे. लेकिन नहीं किया. कांग्रेस ने अपने शासन के 60-65 साल में देश की चुनावी व्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर दिया. अगर शासन उसके हिसाब से नहीं चलेगा तो वो उसे गिरा देंगे. धीरे-धीरे कांग्रेस के शासन में निरंकुशता आ गया था."-दिलीप जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी

कांग्रेस के लंबे शासन पर जायसवाल का हमला :जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 60 साल से अधिक समय तक शासन किया, लेकिन इस दौरान पार्टी का चरित्र निरंकुश रहा. कांग्रेस ने जहां केंद्र में राष्ट्रपति शासन लगाया, वहीं कई बार राज्यों में चुनी हुई सरकारों को भी भंग किया. इसके कारण बार-बार चुनाव हुए और देश पर अनावश्यक बोझ पड़ा.

वन नेशन, वन इलेक्शन का प्रस्ताव :जायसवाल ने यह भी कहा कि भाजपा कांग्रेस की तरह संविधान का उल्लंघन नहीं करती है. उन्होंने सुझाव दिया कि देश में अराजक स्थिति से बचने के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन (एक साथ चुनाव) को लागू किया जाए. इससे देश के संसाधनों पर बोझ नहीं पड़ेगा और विकास की गति भी तेज होगी.

बता दें कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए जेपीसी का गठन हुआ है जिसकी बैठकें हो रही हैं. जल्द ही समिति द्वारा लिए गए फैसले पर सरकार अमल करेगी.

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