लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 70000 परिवारों को PM Awas Yojana के तहत आवास मिल सकेंगे. कच्चा मकान और जमीन होने की दशा में ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास की पात्रता मिल सकती है.सरकार की ओर से एक पुराना नियम हटा दिया गया है. पिछली बार जिन ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास मिले थे उसकी पात्रता में एक शर्त थी कि कच्चा मकान होने के बावजूद अगर मकान में लैंडलाइन फोन रेफ्रिजरेटर और बाइक है तो प्रधानमंत्री आवास की पात्रता नहीं मिलती थी. इस बार इस नियम को हटा दिया गया है. इससे पात्रता आसानी से मिल सकेगी.
मुख्य सचिव ने की बैठकः मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, आयुक्त, ग्राम्य विकास, उत्तर प्रदेश, मिशन निदेशक, उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सहित वित्त, ऊर्जा, खाद्य एवं रसद, नमामि गंगे आदि विभागों के शासन के अधिकारी उपस्थित थे. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में भारत सरकार द्वारा 70 हजार घरो का लक्ष्य उपलब्ध कराया गया है. इस लक्ष्य के मिलने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण की स्थाई पात्रता सूची पूरी हो गई है.
क्या बंदिश हटाई गई: नये लाभार्थियों के चयन के लिए सर्वेक्षण शीघ्र शुरू होने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पात्रता के मानक में कुछ संशोधन किये गये है. पूर्व में मोटरसाइकिल, लैंडलाइन फोन, रेफ्रिजरेटर होने पर लाभार्थी कच्चा घर होने के बाद भी अपात्र माना जाता था किन्तु वर्तमान में भारत सरकार ने इसे हटा दिया है.
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