डूंगरपुर:जिले की एसीबी टीम ने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कछवाहा को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. एसई 1 लाख रुपए की रिश्वत पहले ही ले चुका था. उसने यह रिश्वत जल जीवन मिशन के तहत ढाई करोड़ रुपए के बिल पास करने की एवज में ली थी. उसने कुल 5 लाख रुपए की डिमांड की थी.
एसीबी डूंगरपुर के डीएसपी रतन सिंह राजपुरोहित ने बताया कि 9 दिसंबर को जल जीवन मिशन के ठेकेदार की ओर से शिकायत पेश की गई थी. इसमें बताया गया कि जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कछवाहा जल जीवन मिशन के तहत 2 करोड़ 50 लाख रुपए के बकाया बिल पास करवाने की एवज में 5 लाख रुपए की मांग कर रहे हैं. शिकायत पर एसीबी की टीम ने उसी दिन सत्यापन करवाया. इसके बाद 13 दिसम्बर को दूसरी बार सत्यापन करवाने पर एसई ने 1 लाख रुपए की रिश्वत ले ली.
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किराए के घर पर बुलाया रिश्वत लेने:डीएसपी ने बताया कि रिश्वत की पुष्टि होने के बाद एसीबी ने आज मंगलवार को उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया. ठेकेदार को रिश्वत के 2 लाख रुपए की राशि लेकर भेजा. एसई ने रिश्वत की रकम लेकर नवाडेरा स्थित अपने किराए के घर पर बुलाया. रिश्वत की राशि देते ही एसई अनिल ने घर की अलमारी में रख दी. एसीबी की टीम ने दबिश देकर एसई अनिल कछवाहा को रंगे हाथों पकड़ लिया.
एसीबी ने किराए के घर में अलमारी में रखी रिश्वत की राशि 2 लाख रुपए बरामद कर लिए. एसई ने 1 लाख रुपए की रिश्वत पहले लेने की बात भी कबूल कर ली. गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम आरोपी एसई को लेकर उसके ऑफिस पहुंची. वहां भी सर्च अभियान चलाया गया. एसीबी की टीम आरोपी एसई से पूछताछ कर रही है.
जयपुर जाने की फिराक में था:एसई अनिल 2 लाख रुपए की रिश्वत लेने के बाद जयपुर जाने की फिराक में था, लेकिन इससे पहले एसीबी की टीम पहुंच गई और उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि डूंगरपुर में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुए अधीक्षण अभियंता अनिल कछावा कोटा के निवासी है. ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने उनके महावीर नगर स्थित निवास पर दबिश दी है, जहां पर तलाशी शुरू कर दी गई है. एसीबी कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर तलाशी शुरू की गई थी, यह देर रात तक जारी है. फिलहाल, संपत्ति का आंकलन नहीं हुआ है, यह बुधवार तक ही हो पाएगा.