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मौनी अमावस्या पर लोगों ने किया पुष्कर के ब्रह्मा सरोवर में पवित्र स्नान, जयपुर में ठाकुरजी ने धारण की काली पोशाक - BRAHMA SAROVAR PUSHKAR

मौनी अमावस्या के मौके पर तीर्थराज पुष्कर के ब्रह्म सरोवर में हजारों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई और पित्तरों के निमित्त श्राद्ध कर्म किए.

Brahma Sarovar Pushkar
पुष्कर सरोवर में स्नान करते श्रद्धालु (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 29, 2025, 5:27 PM IST

Updated : Jan 29, 2025, 6:21 PM IST

अजमेर:मौनी अमावस्या के मौके पर बुधवार को पुष्कर के ब्रह्म सरोवर में लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. ब्रह्म सरोवर में सुबह से ही स्नान के लिए तीर्थ यात्रियों का आना जाना लगा रहा. पुष्कर के 52 घाटों पर स्नान, श्राद्ध कर्म और हवन पूजन सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होते रहे. यह काम देर शाम तक जारी रहा. वहीं, जयपुर में गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर श्री जी का पंचामृत अभिषेक किया गया. साथ ही काले रंग की सर्दी जामा पोशाक और विशेष अलंकार धारण कराए गए. हालांकि, गलता कुंड के पवित्र जल में श्रद्धा की डुबकी लगाने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को निराशा हाथ लगी.

तीर्थ नगरी पुष्कर में मौनी अमावस्या पर सुबह से ही स्नान करने के लिए बड़ी संख्या लोग घाटों पर पहुंचे. सर्दी के कारण सुबह संख्या कम थी, लेकिन 11 बजे बाद सरोवर के 52 घाटों पर हजारों लोग पहुंचे. यहां स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने तीर्थ पुरोहितों के आचार्यत्व में पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण, नारायण बलि आदि कर्म किए. इनके अलावा हवन, पूजन, भागवत और गोपाल सहस्त्रनाम आदि के पाठ भी होते रहे. शाम को लोगों ने पुष्कर राजसरोवर में दीप दान किया. धार्मिक अनुष्ठान के बाद श्रद्धालुओं ने ब्रह्मा मंदिर के भी दर्शन किए.

पढ़ें: पुष्कर सरोवर में स्नान, पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म कर दान से मिलता है महाकुंभ के समान पुण्य

पितृ कार्य के लिए सर्वोत्तम है यह अमावस्या: पुष्कर सरोवर के तीर्थ पुरोहित पंडित सतीश चंद्र शर्मा बताते हैं कि मौनी अमावस्या पितरों की सबसे बड़ी अमावस्या मानी जाती है. भगवान सूर्य नारायण के उत्तरायण में आने के बाद देव पितृ अमावस्या पहली अमावस्या है. यह अमावस्या विशेष महत्व रखती है. इस बार 12 वर्ष में आने वाला कुंभ भी चल रहा है, इसलिए यह मौनी अमावस्या पितरों को विशेष पुण्य और गति देने वाली है. पंडित शर्मा बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश तीर्थस्थल पर नहीं जा सकता है तो वह थोड़ा दूध, थोड़ा पानी, काले तिल और एक घी का दीपक लेकर पीपल के पेड़ के पास जाकर अपने पितरों का नाम लेकर अर्पित कर दे और दीया जला कर पितरों से अपने और परिवार में खुशहाली और समृद्धि की कामना करें. ऐसा करने से निश्चित रूप से पितरों की कृपा प्राप्त होती है.

पितृ और देव कार्य निमित्त अनुष्ठान: वराह घाट के प्रधान पंडित रवि शर्मा बताते हैं कि इस अमावस्य पर देव और पितृ के निमित्त कार्य होते हैं. इस अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने मौन रहकर भगवान के भजन और धार्मिक अनुष्ठान किए है. पंडित शर्मा बताते हैं कि मौन रहने में विशेष शक्ति होती है जो आत्मिक ऊर्जा को प्रबल करती है.

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ठाकुरजी ने धारण की काली पोशाक. (ETV Bharat jaipur)

जयपुर में ठाकुर जी ने धारण की काली पोशाकःमौनी अमावस्या पर छोटी काशी में स्नान और दान का दौर चला. जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर श्री जी का पंचामृत अभिषेक किया गया. साथ ही काले रंग की सर्दी जामा पोशाक और विशेष अलंकार धारण कराए गए. हालांकि, गलता कुंड के पवित्र जल में श्रद्धा की डुबकी लगाने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को निराशा हाथ लगी. यहां एक फिल्म की शूटिंग होने के चलते श्रद्धालुओं को मुख्य द्वार पर ही रोक दिया गया. इससे श्रद्धालुओं को खासी परेशानी हुई और अधिकतर श्रद्धालु यहां से निराश लौटे.

गलताजी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि देवस्थान विभाग ने श्रद्धालुओं के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की. देवस्थान विभाग की अव्यवस्थाओं के कारण इस बार उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा. फिल्म की शूटिंग के चलते गलता कुंड की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर दिए गए. जयपुर शहरवासी राम अवतार ने बताया कि इस मामले में देवस्थान विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है. श्रद्धालुओं ने कहा कि गलताजी में प्रशासनिक और पूजा व्यवस्था का काम देवस्थान विभाग संभाल रहा है, लेकिन विभाग ने बिना विचार किए मौनी अमावस्या जैसे बड़े पर्व पर फिल्म शूटिंग की अनुमति दी. उधर, मामले पर संज्ञान लेते हुए देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने जांच कराने की बात कही है.

Last Updated : Jan 29, 2025, 6:21 PM IST

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