बागेश्वर:प्रदेश में आज भी कई गांव के लोग सड़क नहीं होने से मरीजों और बुजुर्गों को डोली के सहारे हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए मजबूर है. गांव में स्वास्थ्य, शिक्षा,सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं होने से ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. कुछ ऐसी की तस्वीर बागेश्वर से सामने आई है, जहां मरीजों को डोली के सहारे दो किमी की चढ़ाई पार कर सड़क तक पहुंचाना ग्रामीणों नियति बन गई है. गांव के बच्चों को भी कई किमी चलकर स्कूल तक पहुंचना पड़ता है. स्वास्थ्य की सुविधा तो कोसो दूर हुई हैं. वहीं घटगाड़ गांव के ग्रामीण 24 साल से सड़क की मांग कर रहे हैं.
कंधे पर सिस्टम, आफत में जान, बुजुर्ग को मीलों पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल - Patient Taken Hospital By Doli
Bageshwar Ghatgad Village बागेश्वर के घटगाड़ के ग्रामीण सड़क ना होने से आज भी मरीजों को डोली के सहारे हॉस्पिटल पहुंचाने को मजबूर है. ग्रामीणों का कहना है कि वो लंबे समय से रोड की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन 24 साल से सड़क की मांग पूरी नहीं हो पाई है. जिससे उन्हें आए दिन परेशानियों से जूझना पड़ता है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Mar 8, 2024, 6:52 AM IST
|Updated : Mar 8, 2024, 8:09 AM IST
गौर हो कि बीते दिन घटगाड़ गांव के हरीश लाल की तबीयत अचानक खराब हो गई. उनके हाथ-पैरों ने अचानक काम करना बंद कर दिया. जिसके बाद ग्रामीण उन्हें डोली की मदद से सड़क पर लाए. जहां से उन्हें 108 की मदद से जिला अस्पताल लाया गया. बागेश्वर विधानसभा के पगना और बोहाला के निकटवर्ती घटगाड़ गांव में 350 से अधिक की आबादी निवास करती है. गांव के लिए सड़क की लगातार मांग के बावजूद अब तक नहीं बन पाई है. ग्रामीणों ने लकड़ी के दो डंडों और चादर से वैकल्पिक डोली तैयार की, जिसके सहारे मरीज को लिटाकर सड़क तक लाया गया.
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युवाओं ने बारी-बारी से मरीज को डोली की मदद से सड़क तक पहुंचाया. जहां से उन्हें जिला अस्पताल लाया जा सका.ग्रामीणों के बताया कि उनके गांव में पहले आज की तुलना में दोगुनी जनसंख्या थी. लेकिन सुविधाओं की मांग करते करते ग्रामीण थक गए हैं और गांव से लगातार पलायन हो रहा है. ग्रामीणों को सड़क ना होने से सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्वास्थ्य और शिक्षा का हाल भी बेहाल है.