देहरादून: पिछले कुछ सालों में सिविल सर्विस से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ जांच के कई मामले सामने आए हैं. कुछ अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस जांच तो कुछ के खिलाफ विभागीय जांच परेशानी बढ़ाती रही है, लेकिन हाल ही में पीसीएस अधिकारी रहे हरवीर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद राज्य में यह अधिकारी एकजुट होते हुए दिखाई दिए. इसके बाद बेरोजगार संघ ने पीसीएस अधिकारी मनीष बिष्ट का मुद्दा उठाया, तो राज्य के पीसीएस ने लिखित रूप से इस पर विरोध दर्ज कराते हुए अपनी एकता को जाहिर किया. ऐसे में अब इन अफसरों ने राज्य में वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया है. जिसमें बड़ी संख्या में पीसीएस अधिकारी भी शामिल हुए हैं.
14 साल बाद हुआ पीसीएस अधिवेशन:बड़ी बात यह है कि पीसीएस अधिकारियों का यह वार्षिक अधिवेशन 14 साल बाद हुआ है. यानी 14 साल का वनवास पूरा करने के बाद अब यह अधिकारी एकजुट होकर अपनी मांग को सरकार के सामने रखने में जुट गए हैं. अधिवेशन में प्रदेश के करीब 90 पीसीएस अधिकारी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे. इसी बीच सीएम ने संघ की वार्षिक पत्रिका आरोही का विमोचन भी किया. साथ ही सीएम ने अफसर को जीरो पेंडेंसी का संदेश दिया और बेहतर सुझाव होने पर सीधे उनसे संपर्क करने की बात कही.