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जिया हो बिहार के लाला! शशांक ने रोबोटिक्स चैंपियनशिप में मारी बाजी, 46 देशों के प्रतिभागियों को पछाड़कर बना नंबर 1 - World Robotic Championship - WORLD ROBOTIC CHAMPIONSHIP

Shashank Dev made Drone नोएडा में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन और भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की ओर से टेक्नीशियन वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिप संपन्न हुआ है. 24 से 27 अगस्त तक चले इस अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड रोबोटिक चैंपियनशिप में 46 देश के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में बिहार के शशांक और उनकी टीम ने ड्रोन रेस्क्यू में पहला स्थान हासिल किया. शशांक अब वूमेन सेफ्टी पर हाईटेक रोबोट तैयार करने में जुटे हुए हैं. पढ़ें, विस्तार से.

Shashank Dev
शशांक देव की टीम. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 7, 2024, 4:57 PM IST

शशांक देव. (ETV Bharat)

पटना: राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ के रहने वाले शशांक देव 11वीं कक्षा के छात्र हैं. नोएडा में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन और भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की ओर से टेक्नीशियन वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिप में ड्रोन रेस्क्यू में उनकी टीम विनर बनी थी. टीम को 60 हजार रुपये पुरस्कार राशि मिली थी. नौ लोगों की टीम में वह वाइस कैप्टन थे. बिहार के ऋषभ आर्य कप्तान थे.

क्या होता है ड्रोन रेस्क्यू: शशांक देव ने बताया कि उन लोगों को एक टास्क दिया गया था कि निर्धारित समय सीमा में ड्रोन से इतने सारे कार्य करने हैं. इसमें एक निर्धारित वजन को उठाकर एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाना था. निर्धारित समय सीमा तक उन लोगों ने अपने सभी टास्क परफॉर्म किया और बाकी कोई टीम नहीं कर पाई. उन लोगों ने अपने ड्रोन में प्रोग्रामिंग अच्छे तरह से की थी और इक्विपमेंट्स अच्छे लगाए थे जिसके कारण ड्रोन ने अच्छा परफॉर्म किया.

शशांक की टीम द्वारा बनाया गया ड्रोन. (ETV Bharat)

रोबोटिक में बनाना चाहते हैं कैरियरः शशांक अभी 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं. पिता जॉब करते हैं. मां गृहिणी है. वह आगे चलकर रोबोटिक इंजीनियरिंग में ही कैरियर बनाना चाहते हैं. 12वीं के बाद रोबोट टेक्नोलॉजी में वह बीटेक करेंगे. अभी के समय वह अपने घर में ड्रोन और रोबोट बनाने के लिए अपना एक लैब बनाकर रखे हुए हैं. रात 12:00 बजे तक सिलेबस की पढ़ाई पूरी करते हैं और फिर रात 3:00 बजे तक वह अपने रोबोट के लिए काम करते हैं. सुबह 9:00 उठते हैं तो उसके बाद एक घंटा फिर से रोबोट को देते हैं.

महिलाओं और किसानों के लिए बना रहे ड्रोन: शशांक देव ने बताया कि महिला सेफ्टी पर एक प्रोजेक्ट पर वह काम कर रहा है. उसका प्रोजेक्ट इंटरनेशनल जर्नल में भी प्रकाशित हुआ था. इस पर उसने पेटेंट फाइल किया है. बिहार सरकार और भारत सरकार दोनों से उसे इस पर पुरस्कार मिला है. इसके अलावा किसानों के लिए एग्रीकल्चर बॉट पर वह काम कर रहा है. प्रोग्रामिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है और डिजाइनिंग पर काम चल रहा है. एक ह्यूमैनाइड बॉट पर भी काम कर रहा है.

शशांक का लैब. (ETV Bharat)

सोफिया रोबोट से हुआ था प्रभावितः शशांक देव ने बताया कि जब वह पांचवी कक्षा में था तो सोफिया रोबोट आया था. वह उससे काफी प्रभावित हुए था. इसके बाद वह रोबोटिक साइंसेज में रुचि लेने लगा और इसी से संबंधित वीडियो देखने लगा. स्कूल के साइंस एग्जीबिशन में टीचर्स के साथ रोबोट टेक्नोलॉजी पर ही वह प्रोजेक्ट तैयार करता था. इसकी काफी सराहना हुई और धीरे-धीरे रोबोट टेक्नोलॉजी उनके लिए प्यार और जुनून बन गया. दिसंबर में होने वाले आईआईटी बॉम्बे के टेक फेस्ट में शामिल होने वाला है.

क्या है सोफिया रोबोटः सोफिया एक मानव जैसा रोबोट है, जिसे हांगकांग की कंपनी हैनसन रोबोटिक्स ने बनाया है. यह रोबोट, इंसानों जैसे हाव-भाव दिखा सकता है और सरल बातचीत कर सकता है. सोफिया को अनुसंधान, शिक्षा, और मनोरंजन के लिए बनाया गया है. सोफिया को फरवरी 2016 में सक्रिय किया गया था. सोफिया के चेहरे को 'फ्रबर' नाम की एक पेटेंट सामग्री से बनाया गया है. यह एक स्वामित्व वाली नैनो-टेक त्वचा है, जो मानव त्वचा और मांसपेशियों की तरह काम करती है.

शशांक का लैब. (ETV Bharat)

क्या है टेक्नीशियन वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिपःरोबोटिक्स क्षेत्र का एक प्रतिष्ठित आयोजन है. इस साल, टेक्नीशियन वर्ल्ड कप 2024 का आयोजन 24 अगस्त से 27 अगस्त तक नोएडा के सेक्टर 21 स्थित स्टेडियम में हुआ. इस रोबोटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय किया था. इस चैंपियनशिप में 46 देशों से प्रतिभागी हिस्सा लिया था. इस चैंपियनशिप का आयोजन ऑल इंडिया काउंसिल फ़ॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन (एआइसीआरए) के सहयोग से किया गया.

शशांक देव. (ETV Bharat)

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