बिहार

bihar

ETV Bharat / state

शराबबंदी कानून के तहत जब्त वाहनों के मामले में HC का बड़ा फैसला, गृह विभाग को मिला 6 महीने का वक्त - PATNA HIGH COURT

शराबबंदी कानून के तहत जब्त वाहनों के मामले में पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. गृह विभाग को 6 महीने का समय दिया है.

Patna High Court News
पटना उच्च न्यायालय (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 5 hours ago

पटना: सोमवार को सुनवाई के बादपटना उच्च न्यायालय ने जब्त वाहनों को लेकर पुलिस विभाग को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस विभाग छह माह के भीतर विचार विमर्श कर दिशा निर्देश जारी करे. अदालत ने जब्त गाड़ी मालिक को परेशान किए जाने की बात कहकर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.

शराबबंदी कानून के तहत जब्त वाहनों पर सुनवाई: जस्टिस पीबी बजन्थरी और जस्टिस शशि भूषण प्रसाद सिंह की खंडपीठ ने संतोष सिंह की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया है. कोर्ट ने माना कि केस के जांच अधिकारी ने कानून की जानकारी के बिना गंभीर कदाचार की है. आवेदक संतोष सिंह ने अपने बजाज प्लेटिना मोटरसाइकिल को मुक्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

कोर्ट ने एसपी से मांगा जवाब:वाहन को जब्त कर एक वर्ष से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में रखा गया है. साथ ही जिले के एसपी ने वाहन की जब्ती और विभाग की ओर से उठाए गए कदमों के संबंध में कोई समीक्षा कार्यवाही नहीं की. इस कारण वाहन पुलिस थाने के प्रांगण में पड़ा-पड़ा प्रकृति के संपर्क में रहने के कारण जब्त वाहन का मूल्य समय के साथ कम हो गया है.

जब्त वाहन का निजी इस्तेमाल न हो: कोर्ट ने कहा कि गोपालगंज एसपी अपने अधीनस्थों को बताएं कि बिहार मद्य निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम के तहत अपराधों या किसी अन्य अपराध के लिए वाहनों या परिसर को जब्त करने के पूर्व कानून के अनुसार क्या कदम उठाए जाने चाहिये? इसके अलावा, जब्त वाहनों का अनावश्यक ढेर और सूर्य, वर्षा और धूल जैसी प्रकृति के संपर्क में आने से वाहन के मूल्य में कमी आ जाती हैं. इसके अलावे पुलिस अधिकारी ऐसे वाहनों को अपने निजी इस्तेमाल के लिए इस्तेमाल करते हैं, जो जब्त वाहन का दुरुपयोग है.

कितने जब्त वाहन पड़े हैं?:उच्च न्यायालय ने कहा कि एसपी अपने अधीनस्थ थानों में पता लगाएं कि उनके अधिकार क्षेत्र में कितने जब्त वाहन पड़े हैं. जब्त वाहनों का किसी न किसी तरह से उसके मालिक के पक्ष में निपटाया जाना चाहिए. उन्हें नीलाम किया जाना चाहिए. गाड़ी को आवश्यक बांड, प्रतिभूतियां या गारंटी प्रदान किये जाने पर मजिस्ट्रेट जब्त वाहन की वापसी के लिए आदेश पारित कर सकता है. यदि जब्त वाहन का मालिक, आरोपी, बीमा कंपनी या कोई अन्य तीसरा पक्ष दावा नहीं करता है तो मजिस्ट्रेट इसे नीलाम कर सकता है.

गृह विभाग को मिला 6 महीने का वक्त: पटना हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग को छह माह के भीतर उचित विचार-विमर्श के बाद दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने इस केस के गाड़ी मालिक को अनावश्यक रूप से परेशान करने पर क्षतिपूर्ति के रूप में पच्चीस हजार रुपये और बेवजह मुकदमेबाजी करने के लिए बतौर जुर्माना पच्चीस रुपया लगाया. अदालत ने कुल पचास हजार रुपये की राशि वाहन मालिक को छह सप्ताह के भीतर देने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें:शराब के साथ बरामद कैश की जब्ती नहीं कर सकती पुलिस, पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

ABOUT THE AUTHOR

...view details