कोरबा:कोरबा के कोसाबाड़ी स्थित न्यू कोरबा हॉस्पिटल में एक शख्स की मौत के बाद परिजन जमकर हंगामा कर रहे हैं. मंगलवार को अस्पताल में दादरखुर्द निवासी सत्यनारायण पटेल की मौत हो गई थी. परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था. इसे लेकर अस्पताल में परिजनों जमकर हंगामा भी किया था.
एसपी कार्यालय पहुंचे मृतक के परिजन: मृतक के अंतिम संस्कार के बाद बुधवार को एक बार फिर परिजन के साथ पूरा गांव पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा. यहां परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही. साथ ही मामले में एफआईआर दर्ज कर उचित मुआवजे की मांग की. पीड़ित परिजनों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी एसपी कार्यालय पहुंचे. जनप्रतिनिधि का कहना था कि इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री को भी ज्ञापन सौंपा गया है.
एसपी ने दिया आश्वासन:एसपी ऑफिस शिकायत लेकर पहुंची मृतक सत्यनारायण पटेल की बेटी ललिता पटेल ने एसपी से न्याय की गुहार लगाई. ललिता ने कहा कि, "हमें न्याय चाहिए. चिकित्सकों के गलत उपचार के कारण मेरे पिता की मौत हुई है. वह सामान्य स्थिति में आ गए थे. ठीक तरह से बातचीत कर रहे थे, लेकिन अचानक उनकी मौत की सूचना दी गई. अस्पताल प्रबंधन का व्यवहार भी हमारे प्रति ठीक नहीं था. वह लगातार मारपीट करने की धमकी भी दे रहे थे. हमें धक्का भी दिया गया. पूरे मामले की जांच करने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर-हम एसपी से मिले थे. उन्होंने हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाने के बाद उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है."
स्वास्थ्य मंत्री से भी करेंगे शिकायत: पीड़ित परिजनों के साथ ही दादरखुर्द गांव से बड़ी तादात में ग्रामीण एसपी ऑफिस पहुंचे थे. इनके साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि अजय विश्वकर्मा भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि, "यह बेहद दुखद घटना है. परिजनों का कहना है कि मरीज के हाथ पैर बांधकर एक इंजेक्शन दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई. अस्पताल के स्टाफ ने अंतिम समय में मरीज से मिलने भी नहीं दिया. यह लापरवाही का मामला है, इसलिए हमने अस्पताल का लाइसेंस कैंसिल करने के साथ ही 50 लाख रुपए मुआवजे की भी मांग की है. गरीब व्यक्ति की मौत हो गई है. पीड़ित परिवार के सामने आजीविका का संकट है. निश्चित तौर पर इस घटना की शिकायत हम प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से भी करेंगे. एनकेएच की लगातार शिकायतें रहती हैं. ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर मरीज की मौत के बाद लापरवाही का आरोप लगाया है."