जयपुर.कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने राजस्थान की बेटी मोना अग्रवाल को अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित होने पर दी बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. कर्नल राठौड़ ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 के लिए विभिन्न श्रेणियों में चयनित खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों , विश्वविद्यालय और संस्थानों को भी शुभकामनाएं दी है. राजस्थान सरकार में खेल मंत्री और एथेंस ओलंपिक में रजत पदक विजेता पद्मश्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने केन्द्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा के बाद पोस्ट की.
मोना अग्रवाल को मिलने लगी बधाइयां :पैरा निशानेबाज और पैरालंपिक खेल पदक विजेता मोना अग्रवाल जयपुर की रहने वाली हैं. कर्नल राज्यवर्धन ने कहा, मोना अग्रवाल को अर्जुन पुरस्कार सम्मान के लिए चयनित होने पर हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं. कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि मोना अग्रवाल समेत सभी खिलाड़ियों को राजस्थान समेत पूरे राष्ट्र को गर्व है. आप सभी की कड़ी मेहनत, समर्पण और उपलब्धियों ने भारत का मानवर्धन किया है. राठौड़ ने कहा कि आप सभी ऐसे ही राष्ट्र को गौरवान्वित कर खेल जगत में देश को आगे बढ़ाने में अपना अमूल्य योगदान देते रहें. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी मोना अग्रवाल को शुभकामनाएं दी हैं.
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17 जनवरी को राष्ट्रपति देंगी पुरस्कार :देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खेलों से जुड़े सभी पुरस्कार विजेताओं को 17 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगी. भारत सरकार ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार- 2024 के लिए विभिन्न श्रेणियों में खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, विश्वविद्यालय और संस्थाओं के नामों की घोषणा की है. इस बार 32 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार दिया गया है, उनमें 17 पैरा एथलीट रहे हैं . इस पुरस्कार को पाने वाले खिलाड़ियों को 15 लाख रुपए नकद, अर्जुन की मूर्ति और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है.
पैराशूटर मोना अग्रवाल को मिलेगा अर्जुन पुरस्कार (फाइल फोटो) एथलेटिक्स के बाद शूटिंग को चुना : जयपुर की रहने वाली मोना अग्रवाल पहली बार पैरालिंपिक में हिस्सा ले रही थी. मोना अग्रवाल जयपुर के झोटवाड़ा की रहने वाली हैं. मोना ने शूटिंग मे ब्रोंज मेडल अपने नाम किया था. कांस्य पदक विजेता मोना के पति रविंद्र चौधरी के मुताबिक उनकी पत्नी ने इस मुकाम तक पहुंचने के पहले काफी स्ट्रगल की. उन्हें खेलों में सक्रिय रहने का जज्बा आज इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए मददगार रहा है. रविंद्र ने बताया कि उनकी पत्नी ने पहले एथलेटिक्स को अपने खेल के रूप में चुना, इसके बाद पावर लिफ्टिंग और सिटिंग वॉलीबॉल को भी उन्होंने करियर ऑप्शन के रूप में देखा. आखिर में जयपुर की एक और शूटिंग चैंपियन अवनी लेखरा को उन्होंने देखा और फिर शूटिंग को अपने करियर गोल के रूप में आगे बढ़ाने का फैसला किया.