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कांस्य पदक की जीत पर मोना की सास ने कहा- बेटे से भी बढ़कर किया काम, बच्चे बोले- मम्मी लाई बड़ा मेडल - Paris Paralympics 2024

पेरिस पैरालंपिक में भारतीय शूटरों का जलवा जारी है. अवनी लेखरा के बाद मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. मोना अग्रवाल ने 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इस मौके पर ईटीवी भारत राजस्थान के ब्यूरो चीफ अश्विनी विजय प्रकाश ने मोना के परिजनों से बात की.

Mona Agarwal wins Bronze Medal
मोना अग्रवाल का परिवार (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 30, 2024, 10:01 PM IST

Updated : Aug 31, 2024, 7:30 AM IST

कांस्य पदक की जीत पर मोना के परिवार में खुशी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: पेरिस में जारी पैरा ओलंपिक खेलों में शुक्रवार का दिन जयपुर के लिए विशेष रहा, जहां शहर की दो बेटियों ने देश का नाम रोशन किया. एक तरफ अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल जीता, तो उसी शूटिंग प्रतियोगिता में मोना अग्रवाल ने भी कांस्य पदक जीता. मोना की जीत के बाद जयपुर की झोटवाड़ा में रहने वाले उनके परिजन काफी खुश नजर आए. ईटीवी भारत से बातचीत में मोना के परिजनों ने कहा कि बाकी बची दो इवेंट्स में भी उन्हें मोना के पदक जीत कर लौटने की उम्मीद है.

पति रविंद्र को पत्नी की कामयाबी पर नाज : कांस्य पदक विजेता मोना के पति रविंद्र चौधरी के मुताबिक उनकी पत्नी ने इस मुकाम तक पहुंचने के पहले काफी स्ट्रगल की है. लगातार उन्हें खेलों में सक्रिय रहने का जज्बा आज इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए मददगार रहा है. रविंद्र ने बताया कि उनकी पत्नी ने पहले एथलेटिक्स को अपने खेल के रूप में चुना, इसके बाद पावरलिफ्टिंग और सिटिंग वॉलीबॉल को भी उन्होंने करियर ऑप्शन के रूप में देखा. आखिर में जयपुर की एक और शूटिंग चैंपियन अवनी लेखरा को उन्होंने देखा और फिर शूटिंग को अपने करियर गोल के रूप में आगे बढ़ाने का फैसला किया.

रविंद्र ने यह भी बताया कि शूटिंग काफी महंगा खेल है और मोना की इस जीत में उनके कोच योगेश का भी विशेष योगदान रहा है, जिन्होंने बिना फीस लिए मोना को शूटिंग के गुर सिखाए थे. जिसका नतीजा यह है रहा कि महज 2 साल की मेहनत में मोना ने ओलंपिक जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक जीता है. रविंद्र कहते हैं कि अभी दो इवेंट्स और बाकी है. वह मोना को यह संदेश देना चाहेंगे कि वह अपना स्वाभाविक खेल खेलें, क्योंकि पदक से ज्यादा देश को वैश्विक मंच पर रिप्रेजेंट करना ही अहम बात है.

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बच्चों ने की थी बड़े मेडल की मांग : 37 साल की मोना के 5 साल की बेटी आर्वी और 2 साल का बेटा अविक भी है. पेरिस रवाना होने से पहले मोना से उनके बच्चों ने बड़ा मेडल लाने की मांग की थी, जिसे उन्होंने पूरा किया. कांस्य पदक हासिल करने के बाद मोना ने अपने परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की और बच्चों से कहा कि उनके लिए उनकी मम्मी ने बड़ा मेडल जीत लिया है. साथ ही बच्चों ने इस जीत की खुशी में अपनी मम्मी से विदेशी चॉकलेट्स की भी मांग की.

सास ने कहा- बेटे से भी बढ़कर किया काम : अपनी बहू के कांस्य पदक जीतने की खुशी में मोना की सास ने बताया कि वह आज गौरांवित महसूस कर रही हैं. पदक की जीत को उन्होंने कहा कि आज मेरी बहू ने मेरे बेटे से भी बढ़कर काम किया है. जब उनसे पूछा गया की बहू के स्वागत में वह किस तरह की तैयारी करेंगे, तो मोना की सास ने कहा कि उनकी बहू को चटपटा खाना पसंद है और वह उनकी पसंद का खाना बनाकर ओलंपिक पदक विजेता का स्वागत करने वाली हैं.

पेरिस से देवेंद्र झाझड़िया का पैगाम : पैरालंपिक खेलों में शूटिंग प्रतिस्पर्धा में मेडल जीतने के बाद संघ के अध्यक्ष देवेंद्र झाझड़िया ने पेरिस से मोना के साथ एक वीडियो बनाकर शेयर किया. इस वीडियो में देवेंद्र मोना अग्रवाल के साथ नजर आ रहे हैं और उनको बधाई दे रहे हैं. वहीं, मोना भी उनका आभार जताकर जीत की खुशी साझा कर रही हैं.

Last Updated : Aug 31, 2024, 7:30 AM IST

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