जयपुर: पेरिस में जारी पैरा ओलंपिक खेलों में शुक्रवार का दिन जयपुर के लिए विशेष रहा, जहां शहर की दो बेटियों ने देश का नाम रोशन किया. एक तरफ अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल जीता, तो उसी शूटिंग प्रतियोगिता में मोना अग्रवाल ने भी कांस्य पदक जीता. मोना की जीत के बाद जयपुर की झोटवाड़ा में रहने वाले उनके परिजन काफी खुश नजर आए. ईटीवी भारत से बातचीत में मोना के परिजनों ने कहा कि बाकी बची दो इवेंट्स में भी उन्हें मोना के पदक जीत कर लौटने की उम्मीद है.
पति रविंद्र को पत्नी की कामयाबी पर नाज : कांस्य पदक विजेता मोना के पति रविंद्र चौधरी के मुताबिक उनकी पत्नी ने इस मुकाम तक पहुंचने के पहले काफी स्ट्रगल की है. लगातार उन्हें खेलों में सक्रिय रहने का जज्बा आज इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए मददगार रहा है. रविंद्र ने बताया कि उनकी पत्नी ने पहले एथलेटिक्स को अपने खेल के रूप में चुना, इसके बाद पावरलिफ्टिंग और सिटिंग वॉलीबॉल को भी उन्होंने करियर ऑप्शन के रूप में देखा. आखिर में जयपुर की एक और शूटिंग चैंपियन अवनी लेखरा को उन्होंने देखा और फिर शूटिंग को अपने करियर गोल के रूप में आगे बढ़ाने का फैसला किया.
रविंद्र ने यह भी बताया कि शूटिंग काफी महंगा खेल है और मोना की इस जीत में उनके कोच योगेश का भी विशेष योगदान रहा है, जिन्होंने बिना फीस लिए मोना को शूटिंग के गुर सिखाए थे. जिसका नतीजा यह है रहा कि महज 2 साल की मेहनत में मोना ने ओलंपिक जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक जीता है. रविंद्र कहते हैं कि अभी दो इवेंट्स और बाकी है. वह मोना को यह संदेश देना चाहेंगे कि वह अपना स्वाभाविक खेल खेलें, क्योंकि पदक से ज्यादा देश को वैश्विक मंच पर रिप्रेजेंट करना ही अहम बात है.