मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पेट की खातिर उजड़ता गांव! पन्ना का एक गांव जहां रोजगार की तलाश में पलायन कर गई आधी आबादी - panna population migrated - PANNA POPULATION MIGRATED

पन्ना जिले में ग्राम पंचायत मगरी कोठारी एक ऐसा गांव है जहां पर लगभग आधा गांव रोजगार की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन कर गया है. जिनके घर, मकान और आंगन खाली पड़े हैं. यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. साल में एक बार ही त्योहार पर अपना गांव आते हैं.

panna population migrated
पन्ना में ग्रामीणों का पलायन (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 8, 2024, 12:08 PM IST

Updated : May 9, 2024, 7:02 PM IST

पन्ना के मगरी कुठारी गांव के लोग कर रहे पलायन (ETV BHARAT)

पन्ना। बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा पलायन पन्ना जिले में हो रहा है, क्योंकि पन्ना मध्य प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार है. यहां न कोई बड़े उद्योग धंधे हैं, न ही रोजगार को गति देती रेल और ना ही कोई बड़ा रोजगार स्थापित है. इसलिए लोग रोजगार की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन को विवश हो रहे हैं. मगरी कोठारी एक आदिवासी ग्राम है. पन्ना जिला केंद्र से लगभग 30 से 35 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित है. लोगों को गांव में रोजगार न मिल पाने के कारण लोग अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए बड़े शहरों में पलायन को विवश रहते हैं.

शहरों की तरफ पलायन कर रहे गांव वासी (ETV BHARAT)

गांव में रह जाते हैं सिर्फ बुजुर्ग

बता दें कि पलायन की तस्वीर बहुत ही मार्मिक है. क्योंकि पलायन के समय लोग पत्नी और बच्चों को साथ में लेकर जाते हैं और घर में सिर्फ बूढ़े मां-बाप रह जाते हैं. जिनका काम सिर्फ घर की रखवाली बचता है. पति पत्नी दोनों साथ में मजदूरी करते हैं और कुछ पैसा बचाकर वर्ष में एक बार अपने घर दिवाली दशहरा के समय पहुंचते हैं और गांव में सिर्फ बुजुर्ग ही रह जाते हैं.

वहीं, इस मामले में जब ईटीवी भारत ने जब जिला पंचायत पन्ना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संघ प्रिय से बात की तो उन्होंने कहा कि "बाहर काम की तलाश में जाना किसी का व्यक्तिगत निर्णय है .पंचायत में मनरेगा के अंतर्गत पर्याप्त कार्य उपलब्ध है जिसमें मनरेगा में श्रमिक इच्छानुसार शासन की श्रमिक दर पर कार्य कर सकते हैं."

शासन की योजनाएं जमीनी स्तर पर धराशाई

बता दें कि, केंद्र और राज्य सरकार पलायन रोकने के लिए मनरेगा जैसी योजना जमीनी स्तर पर चलाती है. पर व्यापक स्तर पर क्रियान्वयन न हो पाने एवं भ्रष्टाचार के चलते जरूरतमंदों को रोजगार नहीं मिल पाता. पन्ना में कोई बड़े उद्योग धंधे एवं रोजगार न होने के कारण लोग पलायन को विवश रहते हैं. इसी कारण पन्ना जिले के लगभग हर ग्राम में लोग पलायन कर रहे हैं. प्रतिदिन बस स्टैंड में झुंड बनाए सीमेंट की बोरियों में अपना गृहस्थी का सामान रखे, बस का इंतजार करते देखे जा सकते हैं.

खाली पड़े हैं लोगों के घर (ETV BHARAT)

Also Read:

'दूसरे राज्यों में झोपड़ी बनाकर रहते हैं, अपना घर छोड़ने को मजबूर, सरकार के दावे कागजी', पलायन का दंश झेलते मजदूरों की आपबीती

Mandla Jal Satyagraha: मंडला के बिरसा ग्राम में ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहण, जल सत्याग्रह कर चुनाव का बहिष्कार करेंगे लोग

Barwani Displacement: विस्थापन का दर्द! मुआवजे के लिए डूब प्रभावित गांव में डटे 67 लोग, क्या अघोषित कारावास में बंद हो जाएगी जिंदगियां

पन्ना के मजदूरों को बंधुआ तक बना लिया गया

जानकारी के अनुसार, कई ऐसे प्रकरण निकलकर सामने आए हैं कि पन्ना के मजदूरों को तकरीबन दो बार महाराष्ट्र एवं हैदराबाद के पास बंधन बना लिया गया. मजदूरों द्वारा अपने रिश्तेदारों को फोन पर बताया कि ठेकेदार द्वारा हमें बंधुआ मजदूर बना लिया गया है, कहीं आने जाने पर पाबंदी रहती है. सिर्फ काम ही करवाया जा रहा है और पैसा भी नहीं दिया जा रहा. तब जाकर रिश्तेदारों द्वारा प्रशासन से शिकायत की गई और बड़ी कठिनाइयां द्वारा उनको वहां से छुड़ाया गया. जिसमें करीब 70 से 80 मजदूर शामिल थे.

Last Updated : May 9, 2024, 7:02 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details