नीमच: कहते हैं कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो बड़े से बड़े काम को किया जा सकता है. नीमच की रहने वाली प्रियंका दांगी ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है. प्रियंका शादी के 12 साल बाद अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और लगन से PSC की परीक्षा क्रैक कर असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई. प्रियंका ने न सिर्फ पहले ही प्रयास में यह सफलता प्राप्त की, बल्कि पूरे प्रदेश में पहली रैंक भी हासिल की. जानते हैं प्रियंका की सफलता के पीछे की कहानी.
शादी के बाद रुक गई थी पढ़ाई
प्रियंका की शादी साल 2012 में प्रदीप सिंह दांगी से हुई थी. प्रदीप मनासा विद्युत विभाग में पदस्थ हैं. शादी के बाद उनको एक बेटी और एक बेटा पैदा हुई. प्रियंका बचपन से ही पढ़ने में होनहार थी. लेकिन, शादी के बाद पारिवारिक जीवन में बंध जाने के कारण उनको अपनी पढ़ाई रोकनी पड़ी. प्रियंका बताती हैं कि "उन्होंने अपने देवर गजेंद्र दांगी को नवोदय परीक्षा की तैयारी करवाई, तो उसे सफलता मिल गई. इसके बाद उनके देवर ने उन्हें पीएससी की तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया."
पहले ही प्रयास में किया प्रदेश में टॉप
प्रियंका ने तैयारी शुरू की और उन्होंने पहले नेट और फिर गेट की परीक्षा उत्तीर्ण की. इसके बाद उन्होंने पीएससी का फॉर्म भरा और उसकी तैयारी में लग गई. प्रियंका गृहस्थी के काम, सास-ससुर और बच्चों की देखभाल करते हुए अपने अथक लगन और परिश्रम से पीएससी की परीक्षा पास कर ली. प्रियंका को मेंस में 576 नंबर मिले जो प्रदेश में दूसरा स्थान था. जबकि इंटरव्यू में 100 में से 91 नंबर लाकर उन्होंने पूरे मध्य प्रदेश में टॉप कर दिया.
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ज्यूरी मेंबर ने यू-ट्यूब शुरू करने की दी थी सलाह
प्रियंका ने अपने इंटरव्यू की कहानी साक्षा करते हुए बताया कि ज्यूरी मेंबर ने उनसे उनकी हॉबी पूछी तो उन्होंने पैरोडी लिखना बताया. प्रियंका ने मध्य प्रदेश के जिलों के नाम के साथ-साथ कई समसामयिक विषयों पर कई पैरोडी लिखी है. ज्यूरी मेंबर ने उनकी पैरोडी सूनी और सराही भी. ज्यूरी मेंबर ने कहा, आपको पैरोडी का शौक है, तो फिर यू-ट्यूब पर जाकर काम क्यों नहीं शुरू करतीं.
जवाब में प्रियंका बोलीं- कर तो सकती हूं, लेकिन मेरा शौक विद्यार्थियों को पढ़ाना है. वर्तमान शिक्षा पद्धति में छात्रों का कॉलेज आना लगभग बंद सा हो गया है. यदि उन्हें नियमित अभ्यास रोचकता के साथ कराया जाए, तो एक बार फिर से इस दिशा में अभी नई पहचान बनाई जा सकती है.