पन्ना (संजय रैकवार): मध्य प्रदेश के पन्ना में एक ऐसा आदिवासी बाहुल्य गांव है, जहां स्केटिंग पार्क की सुविधा मौजूद है. यहां के बच्चे पार्क का भरपूर फायदा उठा रहे हैं और देश-विदेश में अपना नाम रोशन कर रहे हैं. जनावर गांव में स्थित स्केटिंग पार्क की स्थापना साल 2013 में भारत आई जर्मन महिला उलरिके रीनहार्ड ने कराया था. तब से यहां स्केटिंग का गुर सीखकर 17 बच्चे नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं.
कौन है जर्मन महिला उलरिके रीनहार्ड
दहायत माध्यमिक शाला के प्रधानाध्यापक अवध बिहारी बताते हैं कि "साल 2013-14 में जर्मन महिला उलरिके रीनहार्ड जनावर गांव आई थी. उन्होंने अपने पैसों से यहां पर स्केटिंग पार्क बनवाया था. तभी से यहां पर गांव के आदिवासी बच्चों ने स्केटिंग सीखना शुरू किया और आज वो राष्ट्रीय व अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ा रहे हैं. गांव से आशा गोंड और अरुण गोंड चीन में आयोजित हुई अंतर्राष्ट्रीय स्केटिंग प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं. इसके अलावा 15 आदिवासी बच्चे नेशनल प्रतियोगिताएं खेल चुके हैं."
अवध बिहारी ने बताया "साल 2020 के लॉक डाउन में उलरिके रीनहार्ड जर्मनी चली गई थी. बाद में वीजा की दिक्कतों की वजह से वह वापस नहीं आ पाई. अब वह ऑनलाइन माध्यम से बच्चों से संपर्क में रहती हैं और उनका मार्गदर्शन करती हैं. उन्हीं के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी आशा गोंड स्केटिंग से संबंधित एक एनजीओ चलाती हैं और बच्चों को स्केटिंग भी सीखाती हैं."
एमपी राज्यपाल भी कर चुके हैं गांव का दौरा
स्केटिंग की नेशनल खिलाड़ी दुर्गा गोंड बताती है "मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी गांव का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने मुझे स्केटिंग खेलने के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया था. इसके अलावा उन्होंने कई और बच्चों को भी पुरस्कृत किया था." दुर्गा विशाखापट्टनम, मुंबई, बेंगलुरु और चंडीगढ़ में नेशनल प्रतियोगिता में भाग ले चुकी है. वह अभी और आगे तक खेलना चाहती है. खेल के साथ-साथ दुर्गा पढ़ाई पर भी ध्यान देती है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाली आशा गोंड गांव के बच्चों को स्केटिंग सिखाती हैं. साथ ही बच्चे एक-दूसरे की मदद से भी सीखते हैं.