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नहीं रहे मध्यप्रदेश के पूर्व गृह मंत्री कैप्टन जयपाल सिंह, पन्ना में ली अंतिम सांस

अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री कैप्टन जयपाल सिंह का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. जानें कैसा रहा सियासी सफर.

Jaipal Singh passed away
नहीं रहे मध्यप्रदेश के पूर्व गृह मंत्री कैप्टन जयपाल सिंह (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 2, 2024, 5:23 PM IST

पन्ना।कांग्रेस के पूर्व गृह मंत्री कैप्टन जयपाल सिंह का निधन शनिवार सुबह 6:00 बजे पन्ना में उनके निज निवास पर हो गया. इससे पन्ना के साथ ही आसपास शोक की लहर व्याप्त है. कैप्टन जयपाल सिंह पन्ना जिले की पवई विधानसभा सीट से 1980 और 1985 में विधायक रहते हुए मध्य प्रदेश शासन में गृह मंत्री रहे. कैप्टन जयपाल सिंह कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता थे.

कैप्टन जयपाल सिंह का सियासी सफर

कैप्टन जयपाल सिंह अविभाजित मध्य प्रदेश के गृह मंत्री रहे हैं. उनका जन्म 1944 में पन्ना में हुआ था. पन्ना स्थित निज निवास में 80 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की सूचना मिलते ही उनके चाहने वाले पन्ना की ओर रवाना हो गए. कैप्टन जयपाल सिंह का बड़ा राजनीतिक कैरियर रहा है. वह 1980 में पन्ना जिले की पवई विधानसभा से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव जीते. इसके बाद अर्जुन सिंह की सरकार में वह संसदीय सचिव रहे. 1985 में मोतीलाल बोरा की सरकार में मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण 11 मंत्रालय उनके पास थे, जिसमें गृह मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय, जनसंपर्क मंत्रालय आदि उनके पास थे.

कैप्टन जयपाल सिंह का सियासी सफर (ETV BHARAT)

मोतीलाल बोरा सरकार में सबसे कद्दावर मंत्री थे

मोतीलाल बोरा की सरकार में वह सबसे कद्दावर मंत्री रहे. समूचे बुंदेलखंड में वह इकलौते मंत्री हुआ करते थे. राजनीतिक विशेषज्ञ मनीष मिश्रा बताते हैं "कैप्टन जयपाल सिंह के निधन से पन्ना जिले को अपूर्ण क्षति हुई है. उनके द्वारा पन्ना जिले में कई विकास कार्य करवाए गए. जब 1985 में वह गृह मंत्री बने तो उस समय ही पन्ना में जनसंपर्क कार्यालय खोला गया था और वह राजीव गांधी पूर्व प्रधानमंत्री के काफी करीबी थे. कैप्टन जयपाल सिंह एक पायलट थे, जो विमान भी चलाते थे. इसी कारण उन्हें कैप्टन का दर्जा प्राप्त था."

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पवई सीट छोड़कर पन्ना से लड़े तो हार गए

कैप्टन जयपाल सिंह के परिवार में एक पुत्र जगतपाल सिंह उर्फ बॉबी राजा एवं दो पुत्रियां हैं. उनके पिता स्वर्गीय दरियाब सिंह जेलर थे. राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि उनके जीवन काल में पवई विधानसभा सीट छोड़कर पन्ना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना उनकी भूल रही. 1990 में कांग्रेस पार्टी की टिकट से पन्ना से चुनाव लड़े थे, जिसमें वह 16000 वोटों से हार गए थे. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर 2003 में राष्ट्रीय जनता दल से पवई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें कुल 1100 वोट प्राप्त हुए थे.

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