पानीपत: नौतपा यानी गर्मी के सबसे गर्म दिन 25 मई से शुरू हो रहे हैं. 25 मई सुबह 3:16 पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगा और नौतपा शुरू होगा. इन नौ दिनों में आम जनमानस को भीषण गर्मी का एहसास होता है. सूर्य कृष्ण पक्ष की तृतीया को कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है. जिस कारण दिन और गर्म हो जाते हैं. 8 जून सुबह 1 बजकर 4 मिनट तक सूर्य इसी नक्षत्र में रहेगा. यानी इसकी अवधि लगभग 15 दिन है. परंतु शुरू के 9 दिनों का प्रभाव सबसे अधिक होता है.
9 दिन तक प्रचंड गर्मी का प्रकोप: प्रसिद्ध एस्ट्रोलॉजर योगेश पुष्करण ने बताया कि शुरू के 9 दिन सबसे अधिक गर्म होते हैं. क्योंकि कर्क रेखा के नजदीक सूर्य होता है. जिसके चलते भीषण गर्मी का एहसास होता है. वास्तु शास्त्र की मानें तो 9 दिनों को सहन करना चाहिए. अपने शरीर को गर्मी से बचाना चाहिए. सबसे ज्यादा इस गर्मी से अपने सिर को बचाना चाहिए. इससे मनुष्य का पुरुषार्थ भी बढ़ता है. अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो अगर नौतपा में अधिक गर्मी हो तो क्लाउड सीडिंग भी सही प्रकार से होती है. जिस कारण आने वाले समय में अच्छी बारिश के संकेत होते हैं. एस्ट्रोलॉजर की माने तो अगर इन नौ दिनों में बारिश हो जाए तो यह इस बात का संकेत होती है कि बरसात के मौसम में बहुत कम बारिश होगी.
गर्मी में बेजुबानों का भी रखें ख्याल: योगेश पुष्कर बताते हैं कि उत्तर भारत में पानी और ठंडी चीजों का दान करने की परंपरा है. इस दिन पानी की छबील और ठंडक देने वाले पदार्थ का दान करना चाहिए. पशु पक्षियों के लिए अपनी छत पर या पक्षियों के ऐसे स्थान पर पानी के बर्तन जरूर रखें. जहां पक्षियों का आना-जाना है और अधिक से अधिक पेड़ लगाए. एस्ट्रोलॉजर योगेश पुष्कर के अनुसार कल आउट सीडिंग के इन नौ दिनों में जो पुरुष अपने सर को गर्मी के प्रकोप से बचाता है. उसकी प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है.