रोहतक/पंचकूला : हरियाणा पुलिस ने घर बैठे पैसे कमाने का झांसा देने वाली ऐसी कंपनियों के रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो पहले 5 हजार रुपये से लोगों को अपनी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाती थी. फिर बाद में कंपनी की साइट पर कैप्चा भरवाकर उन्हें कमाई का प्रलोभन देती थी. दरअसल कंपनी द्वारा लोगों से भरवाए गए कैप्चा को विदेशी कंपनियों को बेचकर डॉलर में प्रॉफिट कमाया जा रहा था. इस मामले में हरियाणा पुलिस ने गृह मंत्रालय की साइबर टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई में रोहतक जिले में छापामारी कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की ये कार्यवाही 10 घंटे तक चली.
35 हजार लोगों से 18 करोड़ रुपये का फ्रॉड: गिरफ्तार आरोपियों की कंपनी उनकी वेबसाइट से अब तक 35 हजार लोगों को निशाना बनाते हुए 18 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी कर चुकी है, इसका खुलासा हुआ है. हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने इस सफलता के लिए प्रदेश पुलिस की पंचकूला नोडल साइबर टीम को शुभकामनाएं दी है.
इन कंपनी संचालकों ने ऐसे की ठगी: हरियाणा पुलिस के अधिकारी ने बताया कि रोहतक निवासी जॉनी और रोहित ने पीसीएल व मनी अर्न 24 नाम से दो कंपनियां ऑनलाइन माध्यम से चलाई थी. इनका एक ऑफिस रोहतक के शीला बाईपास पर बनाया गया, जबकि दूसरा ऑफिस बिहार के पटना में था. कंपनी लोगों से शुरुआती तौर पर 5 हजार रूपये की रजिस्ट्रेशन फीस लेती थी. इससे वे इन दोनों कंपनियों की वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर्ड करते थे. इसके लिए व्यक्ति को अपने पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत बाकी पर्सनल डिटेल्स कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड करनी होती थी.
वेबसाइट पर कैप्चा भरवाते थे : पुलिस अधिकारी ने बताया कि कंपनी की वेबसाइट पर दिए गए कैप्चा भरने होते थे. एक व्यक्ति एक आईडी से एक दिन में 90 कैप्चा ही भर सकता था. इस तरह वो एक महीने में इससे घर बैठे 2700 रुपये कमा सकता था. इस वेबसाइट पर एक व्यक्ति अलग-अलग लोगों की आईडी का इस्तेमाल करते हुए कई और अन्य आईडी भी बना सकता था. वेबसाइट पर रेफरल सिस्टम के माध्यम से 500 रूपये वापस मिलने का भी दावा किया जाता था. इन वेबसाइट पर 1,40,000 लोगों की आईडी का इस्तेमाल करते हुए पंजीकरण किया जा चुका है. पुलिस की शुरुआती जांच में पता लगा है कि 35 हजार लोगों ने कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से निवेश किया है. इन सभी लोगों से कुल 18 करोड़ रुपए की धनराशि इन कंपनी और इसके संचालकों के निजी खातों में ली गई है.
उदयपुर पहुंचाई रकम: पुलिस जांच में सामने आया कि इस कंपनी के पेमेंट गेटवे से रुपया उदयपुर भेजा जाता है. कंपनी द्वारा इन वेबसाइटों का प्रचार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के माध्यम से किया जा रहा था. कंपनी द्वारा चलाए जा रहे चैनल के 12 हजार सब्सक्राइबर भी हैं. पुलिस ने बताया कि मामले की गहनता से जांच-पड़ताल कर पता लगाया जा रहा है कि इसमें और कितने लोग शामिल हैं, जिनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
गृह मंत्रालय की I4C टीम के साथ मिलकर की कार्रवाई : हरियाणा पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए डीजीपी शत्रुजीत कपूर के निर्देशों पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, साइबर ममता सिंह के मार्गदर्शन में योजना तैयार की गई. इसके बाद हरियाणा पुलिस की टीम के सदस्य ने खुद को कंपनी की वेबसाइट पर पंजीकृत किया. इस मामले में गृह मंत्रालय की I4C की टीम के साथ मिलकर काम किया गया. मामले की पुष्टि करते हुए कंपनी के रोहतक स्थित शीला बाईपास ऑफिस में बीते शुक्रवार, 23 नवंबर को छापेमारी की गई. इस दौरान पता लगा कि लोगों को घर बैठे पैसा कमाने का प्रलोभन देकर, कंपनी में पंजीकृत करवा, कैप्चा बनाकर और उस कैप्चा के जरिए डाटा विदेशी कंपनियों को बेचा जा रहा है, जहां से कंपनी को विदेशी मुद्रा में पैसे दिए जाते थे.
दो कंपनी मालिकों समेत तीन गिरफ्तार: रेड के दौरान डीएसपी साइबर नोडल पुलिस पंचकूला के नेतृत्व में उनकी टीम ने दोनों कंपनी के मालिकों के अलावा एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है, जिसके पास से एक रिवाल्वर भी बरामद की गई है. इसके अलावा मौके से कंपनी के कागजात, बैंकों की चेक बुक, लैपटॉप, क्यूआर कोड, सर्वर और कंप्यूटर समेत कई अन्य सामान बरामद किया गया है. पुलिस आज अदालत से तीनों आरोपियों की रिमांड लेकर आगामी कार्रवाई में जुटी है.
आरोपियों को ले जाया जाएगा पटना-उदयपुर: एसपी साइबर अमित दहिया ने बताया कि इस मामले के आरोपियों को पुलिस रिमांड पर पटना और उदयपुर भी लेकर जाया जाएगा. उन्होंने आमजन से अपील में कहा कि जिन लोगों ने इन कंपनियों के माध्यम से निवेश किया है, वे साइबर नोडल पुलिस पंचकूला थाना में संपर्क करें, ताकि पीड़ितों को उनकी रकम रिफंड करवाने में मदद की जा सके.
साइबर हेल्पलाइन नंबर पर करें संपर्क: डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने अपील में कहा कि जल्द पैसा कमाने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सावधान रहें. मामूली लापरवाही जीवन भर की जमा पूंजी समाप्त कर सकती है. साइबर अपराधी ऐसे लोगों को ही अपना शिकार बनाते हैं, जो कम समय में अधिक पैसे कमाना चाहते हैं. उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए उसकी ठीक से जांच करने के बारे में कहा, ताकि वे ठगी से बच सकें. उन्होंने कहा कि साइबर ठगी का अंदेशा होने पर लोग साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें.
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