शिमला:सरकारी धन का दुरुपयोग करने से जुड़े मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत रुसला के पूर्व प्रधान और पूर्व सचिव से 90-90 हजार रुपये वसूल करने के बाद मामले को बंद करने के आदेश पारित किए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने खंड विकास अधिकारी चौपाल को यह आदेश जारी किए हैं कि वह पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव ग्राम पंचायत रुसला से यह वसूली करें. इन दोनों से वसूली करने के बाद ही मामले को बंद कर दिया जाए.
मामले से जुड़े तथ्यों के अनुसार, आरोप लगाया गया था कि ग्राम पंचायत रुसला के पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव की मिलीभगत के चलते वर्ष 2016 से 2021 तक सरकारी धन से कुछ सरकारी नौकरी में लगे लोगों के व्यक्तिगत काम भी करवाए गए. इन कामों में उनके लिए टैंक की सुविधा और व्यक्तिगत रास्ते के लिए इस धन का दुरुपयोग किया गया.
प्रार्थी की यह दलील थी कि इस तरह की स्कीमों को उन लोगों के लिए ही लागू किया जाता है जो लोग मनरेगा के अंतर्गत आते हैं. इसके लिए मनरेगा कार्ड का होना अति आवश्यक है. जब प्रार्थी केवल राम लोथता को इस बारे में पता चला तो उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिलाधीश शिमला को नोटिस भेजा ताकि उक्त मामले में उपयुक्त कार्रवाई अमल में लाई जा सके.