झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

हाथी से बचने के लिए देसी जुगाड़ के साथ तकनीक का सहारा, रुट पर लगाए जाएंगे सोलर लाइट - ELEPHANT PROTECT TRAINING IN PALAMU

पलामू समेत आस-पास के इलाकों में हाथी का काफी आतंक है. इससे निपटने के लिए देसी जुगाड़ के साथ तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है.

villagers-trained-indigenous-jugaad-to-protect-from-elephants-in-palamu
पलामू में हाथियों का आतंक (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 4, 2024, 3:48 PM IST

पलामू: झारखंड में हाथी और मुनष्य के बीच संघर्ष को कम करना बड़ी चुनौती है. हाथी एवं इंसानों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए देसी जुगाड़ के साथ तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. हाथी से बचने के लिए ग्रामीणों को टॉर्च और पटाखे दिए जाते हैं. टॉर्च और पटाखे दिए जाने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. झारखंड में विभाग अपने सिरे से पहल कर रहा है, साथ ही हाथी और इंसान के बीच संघर्ष को कम करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रहा है.

झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 150 से भी अधिक हाथी मौजूद हैं. यह हाथी 210 से भी अधिक गांव में घूमते हैं और ग्रामीणों को कई बार बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाते हैं. हाथियों से बचाव के लिए पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन की तरफ से ग्रामीणों को जागरूक किया जाता रहा है.

जानकारी देते हुए PTR अधिकारी (ईटीवी भारत)
बताया देसी जुगाड़, मिर्च और मोबिल से कैसे करें धुआं

हाल के दिनों में पलामू टाइगर रिजर्व ने सभी 210 गांव में एक अभियान चलाकर ग्रामीणों को धुआ करने का देसी तरीका बताया है. ताकि हाथियों के झुंड को बस्ती से दूर रखा जाए. इस दौरान ग्रामीणों को मिर्च और मोबिल से धुआं तैयार करने की विधि बताई गई है. पूरे पलामू टाइगर रिजर्व में 50 ग्रामीण को चिन्हित किया गया है, जो अन्य ग्रामीणों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं. चिन्हित ग्रामीण अन्य ग्रामीणों को देसी जुगाड़ से हाथियों के झुंड से बचने का तरीका को बता रहे हैं.

पलामू टाइगर रिजर्व में हाथी और मनुष्य के बीच संघर्ष को कम करने के लिए कई बिंदु पर कार्य चल रहा है. ग्रामीणों को धुआं करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. 2000 सोलर लाइट जेरेडा से लिया जा रहा है, जो हाथी के कॉरिडोर में लगाए जाएंगे. गांव के एंट्री और एक्जिट पॉइंट पर लाइट लगाया जाएगा. सोलर फेसिंग की योजना एवं अन्य तकनीक पर भी कार्य चल रहा है.-प्रजेशकांत जेना, उपनिदेशक, पीटीआर

गांव में हाथी के इंट्री और एक्जिट पॉइंट पर लगाया जाएगा सोलर लाइट

पलामू टाइगर रिजर्व में हाथियों से बचने के लिए देसी जुगाड़ के साथ कई तकनीकी योजना भी तैयार की गई है. पलामू टाइगर रिजर्व में 210 से भी अधिक गांव हैं. हाथी से प्रभावित गांवों को चिन्हित किया गया है और उनके कॉरिडोर को भी चिन्हित किया गया है. शुरुआती दौर में गांव के अंदर जी पॉइंट से हाथी घुसते हैं और निकलते हैं, उस जगह पर सोलर लाइट लगाए जा रहे हैं. बाद में पूरे हाथियों के कॉरिडोर में सोलर लाइट लगाया जाएगा. हाथियों से बचाव के लिए ईको डेवलपमेंट कमेटी का सहारा लिया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ के 70 हाथियों के झुंड ने मचाई थी तबाही

पिछले एक महीने में गढ़वा एवं लातेहार के इलाके में हाथियों ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी. हाथियों के झुंड के चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हुई थी. वहीं कई घरों को नुकसान हुआ था. हाथियों का यह झुंड छत्तीसगढ़ से गढ़वा एवं लातेहार के इलाके में दाखिल हुआ था. तबाही मचाने के बाद हाथियों का झुंड वापस लौट गया है. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के अनुसार इस झुंड में 70 हाथी थे, जिनमें बड़ी संख्या में उनके बच्चे भी थे. 2023 में झारखंड में हाथी एवं इंसान के बीच संघर्ष में 96 लोगों की जान गई थी.

ये भी पढ़ें-पलामू में इस धुएं से बचेगी लोगों को जान, दूर भागेंगे हाथी, ग्रामीणों को दी जा रही खास ट्रेनिंग

निडर हाथियों का लीडर मचा रहा उत्पात, दिन में भी उजाड़ रहा खेत-खलिहान! - Wild elephant rampage

जगंली हाथियों का उत्पात, रात भर डर के साए में रहे लोग - Wild elephants In Latehar

ABOUT THE AUTHOR

...view details