पलामू: झारखंड में हाथी और मुनष्य के बीच संघर्ष को कम करना बड़ी चुनौती है. हाथी एवं इंसानों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए देसी जुगाड़ के साथ तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. हाथी से बचने के लिए ग्रामीणों को टॉर्च और पटाखे दिए जाते हैं. टॉर्च और पटाखे दिए जाने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. झारखंड में विभाग अपने सिरे से पहल कर रहा है, साथ ही हाथी और इंसान के बीच संघर्ष को कम करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रहा है.
झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 150 से भी अधिक हाथी मौजूद हैं. यह हाथी 210 से भी अधिक गांव में घूमते हैं और ग्रामीणों को कई बार बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाते हैं. हाथियों से बचाव के लिए पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन की तरफ से ग्रामीणों को जागरूक किया जाता रहा है.
हाल के दिनों में पलामू टाइगर रिजर्व ने सभी 210 गांव में एक अभियान चलाकर ग्रामीणों को धुआ करने का देसी तरीका बताया है. ताकि हाथियों के झुंड को बस्ती से दूर रखा जाए. इस दौरान ग्रामीणों को मिर्च और मोबिल से धुआं तैयार करने की विधि बताई गई है. पूरे पलामू टाइगर रिजर्व में 50 ग्रामीण को चिन्हित किया गया है, जो अन्य ग्रामीणों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं. चिन्हित ग्रामीण अन्य ग्रामीणों को देसी जुगाड़ से हाथियों के झुंड से बचने का तरीका को बता रहे हैं.
पलामू टाइगर रिजर्व में हाथी और मनुष्य के बीच संघर्ष को कम करने के लिए कई बिंदु पर कार्य चल रहा है. ग्रामीणों को धुआं करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. 2000 सोलर लाइट जेरेडा से लिया जा रहा है, जो हाथी के कॉरिडोर में लगाए जाएंगे. गांव के एंट्री और एक्जिट पॉइंट पर लाइट लगाया जाएगा. सोलर फेसिंग की योजना एवं अन्य तकनीक पर भी कार्य चल रहा है.-प्रजेशकांत जेना, उपनिदेशक, पीटीआर
गांव में हाथी के इंट्री और एक्जिट पॉइंट पर लगाया जाएगा सोलर लाइट
पलामू टाइगर रिजर्व में हाथियों से बचने के लिए देसी जुगाड़ के साथ कई तकनीकी योजना भी तैयार की गई है. पलामू टाइगर रिजर्व में 210 से भी अधिक गांव हैं. हाथी से प्रभावित गांवों को चिन्हित किया गया है और उनके कॉरिडोर को भी चिन्हित किया गया है. शुरुआती दौर में गांव के अंदर जी पॉइंट से हाथी घुसते हैं और निकलते हैं, उस जगह पर सोलर लाइट लगाए जा रहे हैं. बाद में पूरे हाथियों के कॉरिडोर में सोलर लाइट लगाया जाएगा. हाथियों से बचाव के लिए ईको डेवलपमेंट कमेटी का सहारा लिया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ के 70 हाथियों के झुंड ने मचाई थी तबाही