लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चालक-परिचालक विभागीय अधिकारियों की तो छोड़िए मंडलायुक्त के आदेश की भी अनदेखी करते हैं. ऐसा ही मामला राजधानी लखनऊ में सामने आया है. कैसरबाग स्थित मंडलायुक्त कार्यालय की तरफ बसों के आवागमन की मनाही है, लेकिन चालक-परिचालक इसी रूट से बसों को लेकर जाते हैं. मंडलायुक्त कार्यालय के सामने जाम लगने पर लखनऊ की कमिश्नर डा. रोशन जैकब परिवहन निगम के अफसरों से कड़ी आपत्ति जताई है.
इसका नतीजा ये हुआ कि लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक ने तत्काल कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को तलब किया. इसके बाद कैसरबाग के एआरएम की तरफ से जिन दो कर्मचारियों की क्लार्क अवध तिराहे और डालीगंज चौराहे पर ड्यूटी लगी थी उनका एक-एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी कर दिया गया. इसके अलावा दो अन्य कर्मचारियों के भी एक-एक दिन के वेतन कटौती के आदेश जारी किए गए. कुल मिलाकर चार कर्मचारियों का एक-एक दिन का वेतन सजा के तौर पर काटा जाएगा.
लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि सीतापुर मार्ग से आने वाली बसों को डालीगंज चौराहा होते हुए केके हॉस्पिटल, सिटी स्टेशन होकर कैसरबाग बस स्टेशन जाने के लिए डालीगंज चौराहे पर परिवहन निगम की बसों को डायवर्ट कराए जाने और कैसरबाग बस स्टेशन से बाराबंकी, बहराइच, फैजाबाद, गोरखपुर मार्ग पर जाने वाली बसों को कैसरबाग कोतवाली, परिवर्तन चौराहा होते हुए क्लार्क अवध तिराहा के पास से घूमकर शनि मंदिर होते हुए गोरखपुर मार्ग पर संचालित करने के निर्देश दिए गए थे.
उन्होंने बताया कि सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक कैसरबाग की तरफ से कैसरबाग के सुरक्षा गार्ड्स की ड्यूटी नारी शिक्षा निकेतन, क्लर्क अवध तिराहा और डालीगंज पुल पर लगाई गई थी. डालीगंज पुल पर आरिफ सलमानी और क्लार्क अवध तिराहा पर संजय द्विवेदी को तैनात किया गया था. इसके अलावा क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय की तरफ से बुकिंग क्लर्क श्रीनाथ की ड्यूटी राजस्व परिषद तिराहा और कन्हैयालाल जो अक्षम चालक हैं, उनकी ड्यूटी डालीगंज चौराहे पर लगाई गई थी, लेकिन ड्यूटी पर आरिफ सलमानी और संजय द्विवेदी अनुपस्थित पाए गए. उनकी लापरवाही साफ तौर पर उजागर हुई है.