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रिटायर्ड फौजी को फांसी की सजा; 10 साल पहले पत्नी-बेटे और पड़ोसन की गोली मारकर की थी हत्या - ALIGARH TRIPLE MURDER

अलीगढ़ में रिटायर्ड फौजी ने 2014 में रूह कंपाने वाली वारदात को दिया था अंजाम, बेटी को भी मारी थी गोली, जो बच गई

रिटायर्ड फौजी मनोज.
रिटायर्ड फौजी मनोज. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 18, 2025, 9:13 PM IST

अलीगढ़: बन्नादेवी थाना क्षेत्र के कोमल विहार में ट्रिपल मर्डर के मामले में न्यायालय ने रिटायर्ड फौजी को फांसी की सजा सुनाई है. रिटायर्ड फौजी मनोज द्वारा सनक में 2014 में पत्नी, बेटे व किराएदार की हत्या की गई थी. कोर्ट ने शनिवार की दोपहर 3 बजे साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर रिटायर्ड फौजी मनोज को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है.

शासकीय अधिवक्ता महेश सिंह के मुताबिक, दिलीप कुमार निवासी गुरु रामदास नगर ने थाना बन्नादेवी थाने में दी शिकायत में बताया था कि उसकी बहन सीमा की शादी करीब 15 वर्ष पहले मनोज कुमार सिंह के साथ की थी. मनोज सिंह मूलतः हरतोली बुलंदशहर का रहने वाला था लेकिन कोमल विहार में परिवार के साथ रहता था. 12 जुलाई 2014 दिन में मनोज कुमार ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से पत्नी सीमा और बेटे मानवेंद्र (6 वर्ष), भांजी अस्मिता (13) को गोली मार दी थी. जिसमें सीमा व मानवेंद्र की मौके पर मृत्यु हो गई. वहीं, अस्मिता की जिंदगी बच गई है. गोली की आवाज सुनकर पास में रह रहे किराएदार शशिबाला बचाने आई तो मनोज कुमार ने उनको भी गोली मार दी. जिनकी मौके पर मृत्यु हो गई. गोली चलने की आवाज सुनकर पड़ोस के लोग आ गए, जिन्होंने पूरी घटना आंखों से देखी. मोहल्ले के लोगों ने हथियार सहित मनोज कुमार को भागते हुए पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस के सुपुर्द कर दिया था. मनोज कुमार छोटी-छोटी बातों पर पत्नी सीमा व भांजे -भांजी को मारता -पीटता था. जिसकी शिकायत उसने पिता से की थी. मनोज को काफी समझाने के बावजूद भी अपनी आदतों से बाज नहीं आया और उसने हत्या कर दी.

शासकीय अधिवक्ता महेश सिंह ने बताया कि 2014 से मनोज जिला कारागार में बंद है. उच्च न्यायालय से उसकी जमानत दो बार खारिज हो चुकी. अभियोजन की ओर से और कड़ी पैरवी करते हुए मनोज को एडीजे कोर्ट संख्या 2 माननीय पारुल अत्री अपर जिला जज मनोज को फांसी की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.

इसे भी पढ़ें-पेशी पर सिपाहियों का हाथ छुड़ाकर न्याय भवन की तीसरी मंजिल से कूदा, अस्पताल में भर्ती

अलीगढ़: बन्नादेवी थाना क्षेत्र के कोमल विहार में ट्रिपल मर्डर के मामले में न्यायालय ने रिटायर्ड फौजी को फांसी की सजा सुनाई है. रिटायर्ड फौजी मनोज द्वारा सनक में 2014 में पत्नी, बेटे व किराएदार की हत्या की गई थी. कोर्ट ने शनिवार की दोपहर 3 बजे साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर रिटायर्ड फौजी मनोज को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है.

शासकीय अधिवक्ता महेश सिंह के मुताबिक, दिलीप कुमार निवासी गुरु रामदास नगर ने थाना बन्नादेवी थाने में दी शिकायत में बताया था कि उसकी बहन सीमा की शादी करीब 15 वर्ष पहले मनोज कुमार सिंह के साथ की थी. मनोज सिंह मूलतः हरतोली बुलंदशहर का रहने वाला था लेकिन कोमल विहार में परिवार के साथ रहता था. 12 जुलाई 2014 दिन में मनोज कुमार ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से पत्नी सीमा और बेटे मानवेंद्र (6 वर्ष), भांजी अस्मिता (13) को गोली मार दी थी. जिसमें सीमा व मानवेंद्र की मौके पर मृत्यु हो गई. वहीं, अस्मिता की जिंदगी बच गई है. गोली की आवाज सुनकर पास में रह रहे किराएदार शशिबाला बचाने आई तो मनोज कुमार ने उनको भी गोली मार दी. जिनकी मौके पर मृत्यु हो गई. गोली चलने की आवाज सुनकर पड़ोस के लोग आ गए, जिन्होंने पूरी घटना आंखों से देखी. मोहल्ले के लोगों ने हथियार सहित मनोज कुमार को भागते हुए पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस के सुपुर्द कर दिया था. मनोज कुमार छोटी-छोटी बातों पर पत्नी सीमा व भांजे -भांजी को मारता -पीटता था. जिसकी शिकायत उसने पिता से की थी. मनोज को काफी समझाने के बावजूद भी अपनी आदतों से बाज नहीं आया और उसने हत्या कर दी.

शासकीय अधिवक्ता महेश सिंह ने बताया कि 2014 से मनोज जिला कारागार में बंद है. उच्च न्यायालय से उसकी जमानत दो बार खारिज हो चुकी. अभियोजन की ओर से और कड़ी पैरवी करते हुए मनोज को एडीजे कोर्ट संख्या 2 माननीय पारुल अत्री अपर जिला जज मनोज को फांसी की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.

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