धर्मशाला: तपोवन में चल रहे विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में जाने से पहले विपक्ष ने रोजगार के मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए विधानसभा पहुंचे. विपक्ष ने गेस्ट टीचर पॉलिसी, आउटसोर्स कर्मियों और कांग्रेस के पांच लाख नौकरियां देने के वादों पर सरकार को घेरा.
विपक्ष के विधायक हाथों में तख्तियां लेकर विधानसभा पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. विपक्ष ने सरकार से युवाओं को पांच लाख नौकरियां और नौकरी से निकाले गए आउटसोर्स कर्मियों की पुन: बहाली की मांग की. नेता प्रतिपक्ष ने कहा की, 'सरकार के कुछ करीबी लोगों के अलावा किसी को नौकरी नहीं मिली है. मुख्यमंत्री जो आंकड़े पेश कर रहे हैं वो सारे आंकड़े झूठे हैं और कांग्रेस भाजपा कार्यकाल में किए गए कार्यों का श्रेय लेने की कोशिश के रही है.'
विपक्ष ने रोजगार के मुद्दे पर किया प्रदर्शन (ETV BHARAT) नेता विपक्ष ने कहा कि, 'आज बेरोजगारी के मुद्दे को सदन में भी जोर-शोर से उठाया जाएगा. बीजेपी कार्यकाल के दौरान किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला गया था. कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान 10 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से तो निकाला ही साथ ही आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों की एक साल की तनख्वाह भी रोक दी है, जिससे आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस ने हर साल एक लाख पेंशन वाली पक्की नौकरी का वादा किया था, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस सरकार काम कर रही है उसकी गारंटियों की पोल खुल गई है. इसके अलावा 2 साल से खाली पड़े डेढ़ लाख पदों को सरकार ने खत्म कर दिया. अब सरकार ने गेस्ट टीचर से स्कूलों को चलाने का फैसला लिया है, जिसका विपक्ष ने विरोध किया है.'
जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'कांग्रेस कार्यकाल के दौरान जो बैकडोर से भर्तियां की जा रही हैं. उस पर पूर्णतः रोक लगनी चाहिए. आज हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी का मुद्दा सबसे बड़ा है और इस मद्दे पर सदन में जरूर चर्चा होनी चाहिए. आज प्रदेश का पढ़ा-लिखा बेरोजगार नौकरी की तलाश में दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है और प्रदेश सरकार अपने चहेतों को खुश करने में लगी हुई है.'
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