शिमला: हिमाचल में विधानसभा चुनाव 2022 में 18 से 59 साल की सभी महिलाओं को कांग्रेस ने प्रतिमाह 1500 रुपये देने का वादा किया था. उस दौरान कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर भाजपा की जयराम ठाकुर की सरकार को सत्ता से बेदखल किया था.
भाजपा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मात्र 25 सीटों पर सिमट कर रह गई थी. वहीं, 3 विधानसभा क्षेत्रों में निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल हुए थे. कांग्रेस सत्ता की दहलीज को पार करने में सफल रही थी. इसमें कांग्रेस की प्रमुख गारंटियों में से एक 18 से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने की गारंटी भी सुक्खू सरकार की जीत का एक कारण था.
अब कांग्रेस की सरकार को सत्ता पर काबिज हुए 21 महीने का समय हो गया है, लेकिन अब सुक्खू सरकार ने परिवार की हर महिला को 1500 रुपये की मासिक पेंशन देने से हाथ खींच लिया है.
अब परिवार में शर्तों पर खरा उतरने वाली एक ही महिला को ही 1500 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी. विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल की ओर से सदन में किए एक परिवार में एक ही सदस्य को पेंशन देने के ऐलान से प्रदेश की लाखों महिलाओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. वहीं, विपक्ष ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना में नई शर्त जोड़ने पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
सुक्खू सरकार ने जोड़ी नई शर्त
प्रदेश सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत हर महीने 1500 रुपये देने की योजना को लेकर नई शर्त जोड़ी है. जिस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने विधानसभा सदन में कहा "योजना में कंडीशन है कि एक ही परिवार में एक सदस्य को पेंशन मिलेगी". इस पर विपक्ष के विधायक राकेश जम्वाल ने कहा "चुनाव के वक्त वादा किया गया था कि अगर एक घर में चार महिलाएं सास, बहू, बेटी, देवरानी और जेठानी होंगी तो इन सभी को 1500-1500 रुपये मिलेंगे लेकिन अब आपने एक परिवार में एक ही महिला को 1500 रुपये मासिक पेंशन देने की कंडीशन लगा दी है."
बीजेपी विधायक ने कहा "प्रत्येक महिला को 1500 रुपये मासिक पेंशन देने की घोषणा के बाद ही कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई थी. ऐसे में नई शर्त को जोड़ना पूरे प्रदेश की महिलाओं को ठगने जैसा है."