शिमला: हिमाचल विधानसभा के विंटर सेशन में शुक्रवार को चर्चा के बाद सरकारी कर्मचारियों से जुड़े भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक, 2024 को पारित किया गया. बुधवार को सीएम सुक्खू ने इस बिल को पेश किया था. शुक्रवार को चर्चा के बाद इसे पारित किया गया. ये कानून 12 दिसंबर 2003 यानी बैक डेट से लागू माना जाएगा. बीजेपी विधायकों ने इस बिल का विरोध किया था.
चर्चा के जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, बिल के बार में सदन के भीतर सदस्यों ने कुछ चिंताएं जाहिर की हैं, लेकिन ये विषय कुछ और है और चर्चा किसी और विषय पर हो रही है. ये बिल किस लिए लाया गया है मैं उसके बारे में बताना चाहूंगा. इसमें फाइनेंशियल बात नहीं है. ये लोग कोर्ट में जाकर अपने कॉन्ट्रेक्ट पीरियड को रेग्यूलर करने की बात करते हैं. कोर्ट ने ये निर्णय दिया है कि जिस तारीख से इन्होंने ज्वाइनिंग की है उस तारीख से उन्हें रेग्यूलर लाभ दिए जाएं.
सीएम सुक्खू ने आगे कहा कि यदि अनुबंध कर्मी को सारे लाभ देने हैं तो फिर अनुबंध पॉलिसी लाने का कोई लाभ नहीं है. ये उस समय की एक गलती थी, यह एक्ट का एक सेक्शन था, जिसमें रेग्यूलर/अनुबंध कर्मी लिखा गया था. उसके आधार पर जो कोर्ट में केस प्रस्तुत किया जाता था, उस गलती को मिटाने के लिए अनुबंध शब्द को हटाना चाह रहे हैं. इस अनुबंध शब्द से क्या होगा कि रेग्यूलर कर्मचारियों को डिमोट करना पड़ सकता है.
सीएम सुक्खू ने कहा कि साल 2003 से अनुबंध पॉलिसी चल रही है. अगर साल 2003 से उन सभी को नियमित करने लग जाएं तो उन्हें प्रमोशन भी देना पड़ेगा और अन्य लाभ भी देने पड़ेंगे. इन सभी चीजों को ध्यान में रख कर इस बिल को लाया गया है और जो गलती है, उसे ठीक किया गया है. इसके माध्यम से अभी कुछ कर्मचारियों ने कोर्ट के माध्यम से जबरदस्ती एरियर लेने की कोशिश की है और वो एरियर ले गए हैं. उसी को आधार मान कर अन्य कर्मचारी भी कोर्ट जा सकते हैं, ये बिल प्रदेश हित में है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस बिल में अनुबंध को स्पेसिफाई किया गया है.
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