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डिपुओं में अब नए साल में मिलेगा सरसों तेल का कोटा, 19 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को चाहिए इतना लीटर तेल - SHORTAGE OF RATION IN DEPOT

महंगाई से लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में राहत नहीं मिल पा रही है. डिपुओं में आधा सामान अब भी गायब है.

SHORTAGE OF RATION IN DEPOT
हिमाचल के डिपुओं में राशन की कमी (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 5 hours ago

शिमला: हिमाचल में लगातार बढ़ रही महंगाई से साल के अंत में भी लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में राहत नहीं मिली है. दिसंबर महीना बीतने को आ रहा है, लेकिन डिपुओं में आधा सामान अभी भी गायब है. डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर उपभोक्ताओं को सिर्फ आटा, चावल और चीनी ही मिल रही है. वहीं, दो महीने से प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को डिपुओं में सरसों का तेल और दाल नहीं मिल रही जिससे लाखों परिवार अब बाजार से महंगे रेट पर दाल और तेल खरीदने को मजबूर हैं. ऐसे में उपभोक्ताओं को अब सरसों का तेल और दाल के कोटे के लिए नए साल में जनवरी महीने का इंतजार करना पड़ेगा.

नए साल में चाहिए 1 करोड़ लीटर से अधिक तेल

हिमाचल में उपभोक्ताओं को दो महीने के सरसों के तेल का कोटा नहीं मिला है. प्रदेश में बहुत से डिपुओं में उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों का तेल उपलब्ध नहीं हुआ है. प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे में इन उपभोक्ताओं को अब नए साल के जनवरी महीने के सरसों तेल सहित दो महीने का बैकलॉग कोटा भी दिया जाना है जिसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को एक करोड़ लीटर से अधिक सरसों के तेल की जरूरत होगी.

हिमाचल में लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर मुहैया करवाया जाता है. महंगाई के चलते डिपुओं में सरसों के तेल की मांग ज्यादा रहती है. सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है जिस कारण प्रदेश में हर महीने डिपुओं में करीब 34 लाख लीटर सरसों के तेल की खपत होती है.

5500 मीट्रिक टन दालों की खपत

हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के जरिए बाजार से सस्ते रेट पर तीन दालें उपलब्ध करवा रही है जिस कारण डिपुओं में लगातार दालों की मांग बढ़ती जा रही है. प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से नियमित तौर पर दाल का कोटा उठा रहे हैं. उचित मूल्य की दुकानों में दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी के करीब है. ऐसे में डिपुओं में हर महीने दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है. वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद दिसंबर महीने के लिए 40 हजार 510 क्विंटल मलका और 79 हजार 160 क्विंटल चना दाल का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है लेकिन अधिकतर डिपुओं में अभी दालें नहीं पहुंची हैं.

ये भी पढ़ें: यहां पिछले 22 सालों से परोसी जा रही है मंडयाली धाम, दूर-दूर से स्वाद चखने आते हैं लोग

शिमला: हिमाचल में लगातार बढ़ रही महंगाई से साल के अंत में भी लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में राहत नहीं मिली है. दिसंबर महीना बीतने को आ रहा है, लेकिन डिपुओं में आधा सामान अभी भी गायब है. डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर उपभोक्ताओं को सिर्फ आटा, चावल और चीनी ही मिल रही है. वहीं, दो महीने से प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को डिपुओं में सरसों का तेल और दाल नहीं मिल रही जिससे लाखों परिवार अब बाजार से महंगे रेट पर दाल और तेल खरीदने को मजबूर हैं. ऐसे में उपभोक्ताओं को अब सरसों का तेल और दाल के कोटे के लिए नए साल में जनवरी महीने का इंतजार करना पड़ेगा.

नए साल में चाहिए 1 करोड़ लीटर से अधिक तेल

हिमाचल में उपभोक्ताओं को दो महीने के सरसों के तेल का कोटा नहीं मिला है. प्रदेश में बहुत से डिपुओं में उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों का तेल उपलब्ध नहीं हुआ है. प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे में इन उपभोक्ताओं को अब नए साल के जनवरी महीने के सरसों तेल सहित दो महीने का बैकलॉग कोटा भी दिया जाना है जिसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को एक करोड़ लीटर से अधिक सरसों के तेल की जरूरत होगी.

हिमाचल में लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर मुहैया करवाया जाता है. महंगाई के चलते डिपुओं में सरसों के तेल की मांग ज्यादा रहती है. सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है जिस कारण प्रदेश में हर महीने डिपुओं में करीब 34 लाख लीटर सरसों के तेल की खपत होती है.

5500 मीट्रिक टन दालों की खपत

हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के जरिए बाजार से सस्ते रेट पर तीन दालें उपलब्ध करवा रही है जिस कारण डिपुओं में लगातार दालों की मांग बढ़ती जा रही है. प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से नियमित तौर पर दाल का कोटा उठा रहे हैं. उचित मूल्य की दुकानों में दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी के करीब है. ऐसे में डिपुओं में हर महीने दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है. वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद दिसंबर महीने के लिए 40 हजार 510 क्विंटल मलका और 79 हजार 160 क्विंटल चना दाल का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है लेकिन अधिकतर डिपुओं में अभी दालें नहीं पहुंची हैं.

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