नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के एक सदस्य के चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली गई है. चुनाव दोपहर 2 बजे होने वाली दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में होगा. मतदान के लिए दो बूथ बनाए गए हैं. बैलेट पेपर की छपाई भी हो गयी है. सभी पार्षदों को दिशा निर्देश दे दिया गया है. वोटिंग के लिए पार्षदों को आइडेंटी कार्ड लेकर आना अनिवार्य है. इसके अलावा वोटिंग के वक्त बूथ में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है.
उधर, दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के एक सदस्य के चुनाव को लेकर कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया है. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि इस चुनाव से खुद को अलग कर लिया है. कांग्रेस के पार्षद इस चुनाव में मतदान नहीं करेंगे. आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस के 9 पार्षद हैं. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने स्थायी समिति के चुनाव में कांग्रेस को अलग रखने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जिम्मेदारी जनता की है.
बता दें कि बीजेपी सांसद कमलजीत सेहरावत के सांसद बनने के बाद स्थाई समिति का एक सदस्य का पद खाली हो गया था. इसी रिक्त पद को भरने के लिए चुनाव हो रहा है. आम आदमी पार्टी और बीजेपी के प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर है. कांग्रेस ने इस चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है.
दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति एक महत्वपूर्ण कमेटी है. निगम के फाइनेंशियल कार्य को इस समिति से पास कराना जरूरी होता है. इसलिए आम आदमी पार्टी और विपक्षी पार्टी दोनों इस पर कब्जा चाहती है. स्थायी समिति में मेंबर्स की संख्या 18 है. जिसका ज्यादा मेंबर होगा अस्थाई समिति का चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन उसी पार्टी का बनेगा.
BJP-AAP कौन किस पर भारी?
मौजूदा स्थिति में भारतीय जनता पार्टी के 9 सदस्य हैं. जबकि आम आदमी पार्टी के पास 8 सदस्य है. इस चुनाव में अगर भारतीय जनता पार्टी की जीत होती है तो बीजेपी को बढ़त मिलेगी और अस्थाई समिति पर उसका कब्जा होगा. लेकिन अगर आम आदमी पार्टी की जीत होती है तो आम आदमी पार्टी और बीजेपी के सदस्यों की संख्या बराबर हो जाएगी. ऐसे में स्थायी समिति के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का चुनाव ड्रॉ से किया जाएगा. इस चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. बुधवार को आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली. अब निगम में बीजेपी के पार्षदों की संख्या 112 से बढ़कर 115 हो गई है और आम आदमी पार्टी के पार्षदों की संख्या घटकर 124 हो गई है. दिल्ली नगर निगम में 9 पार्षद कांग्रेस के हैं और एक पार्षद निर्दलीय है. निर्दलीय पार्षद का समर्थन आम आदमी पार्टी के साथ है.
सूत्रों की माने तो कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी को समर्थन नहीं करेगी. जोन कमेटी के चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था. अगर गठबंधन जारी रहा तो कांग्रेस पार्षद आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को वोट कर सकते हैं जिससे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आसानी से जीत जाएंगे. अगर कांग्रेस के उम्मीदवार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को वोट नहीं करना चाहते है तो ऐसे में वह मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे.जिसका भी फायदा आम आदमी पार्टी को होगा. हालांकि पहले हुए जोनल कमेटी के चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग हुई थी.अगर इस चुनाव में भी क्रॉस वेटिंग होती है तो बीजेपी के उम्मीदवार की जीत हो सकती है.
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