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महाअष्टमी पर माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में हुई पूजा अर्चना, माता की जयकारों से गूंजा मंदिर परिसर - Maha Ashtami 2024

महाअष्टमी पर माता श्री चिंतपूर्णी के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों का हुजूम मां के दरबार में पहुंचा. रविवार की देर रात को ही मां के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे. अष्टमी के दिन कंजन पूजन का विशेष महत्व होता है. पढ़ें पूरी खबर...

Maha Ashtami 2024
महाअष्टमी पर माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में हुई पूजा

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 16, 2024, 10:56 AM IST

Updated : Apr 16, 2024, 2:31 PM IST

मां श्री चिंतपूर्णी के दर्शन को उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

ऊना:उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में मंगलवार को महाअष्टमी के अवसर पर माता की विशेष पूजा अर्चना की गई. पुजारी वर्ग ने जगत कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना की. जबकि माता स्वरूप कंजकों की पूजा करते हुए प्रसाद वितरित किया गया.

महाष्टमी के विशेष अवसर पर पंजाब सहित कई राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह सवेरे ही माता के पावन दर्शन के लिए मंदिर पहुंचना शुरू हो गए थे. एक तरफ जहां श्रद्धालुओं ने महाअष्टमी की विशेष पूजा को महत्वपूर्ण बताया, वहीं पुजारी वर्ग ने कहा कि इस पावन अवसर पर सर्वत्र कल्याण की कामना की गई है.

माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में मंगलवार को चैत्र नवरात्र अष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना का कार्यक्रम आयोजित किया गया. हालांकि नवरात्र के चलते मंदिर में शतचंडी महायज्ञ का आयोजन होता है लेकिन नवरात्र के उपलक्ष में अष्टमी के दिन कंजक पूजन को विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है. इसी के कारण मंगलवार को मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भी चहल-पहल आम दिनों से काफी ज्यादा रही. अष्टमी की विशेष पूजा के लिए श्रद्धालुओं का माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार पहुंचने का क्रम सोमवार को ही शुरू हो गया था. श्रद्धालुओं का कहना है की विशेष रूप से अष्टमी पूजन के लिए वह माता चिंतपूर्णी के दरबार पहुंचते हैं. माता की पावन पिंडी के दर्शन करने के साथ मंदिर परिसर में कंजक पूजन का काफी महत्व बताया गया है. उन्होंने कहा कि माता श्री चिंतपूर्णी अपने भक्तों की हर मुराद को पूरी करने वाली है.

जबकि दूसरी तरफ मंदिर के पुजारी ने बताया कि "नवरात्रों के उपलक्ष्य में महाअष्टमी पर माता की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. पवित्र हवन यज्ञ में आहुतियां डालने के साथ माता सहित माता स्वरूप कंजक पूजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि अष्टमी के चलते मंदिर के कपाट आधी रात को ही श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे. उन्होंने माता श्री चिंतपूर्णी से प्रार्थना की है कि सभी श्रद्धालुओं सहित समस्त जगत का कल्याण करें".
-संदीप कालिया, पुजारी चिंतपूर्णी

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Last Updated : Apr 16, 2024, 2:31 PM IST

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