शिमला: हिमाचल प्रदेश के 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' अपनी पहली हवाई यात्रा, चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा में थ्री स्टार होटल्स में यादगार पल बिताने के बाद आज शिमला लौट गए. इस दौरान चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के 22 बच्चों ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया. इन बच्चों ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर में सीएम सुक्खू से मुलाकात की.
मुलाकात के दौरान इन बच्चों ने सीएम सुक्खू से अपने 13 दिवसीय शैक्षणिक और मनोरंजक यात्रा के बारे में अनुभव साझा किए और इस अविस्मरणीय यात्रा के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने भी बच्चों से बातचीत करते हुए, यात्रा के दौरान उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली.
कक्षा 12 की छात्रा नैंसी ने अपनी पहली हवाई यात्रा के अनुभवों का उत्साह के साथ वर्णन किया. नैंसी ने कहा, "हवाई अड्डे की व्यवस्था से लेकर हवाई यात्रा तक सब कुछ अनुभव करना रोमांचकारी था. हमने ऐतिहासिक स्मारकों का भी दौरा किया, जो भारत के सदियों पुराने समृद्ध इतिहास को जीवंत करते हैं".
वहीं, कशिश ने दिल्ली के विज्ञान संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुओं के प्रति अपने आकर्षण और काल्पनिक सवारी की खुशी को साझा किया. वहीं, धर्मेंद्र ने गोवा के समुद्र तटों पर समूह के साथ बिताए पलों को याद किया, जहां उन्होंने जमकर नृत्य किया और खूब मौज-मस्ती की. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान हम समूह में यात्रा करते समय अनुशासन के महत्व और हवाई यात्रा की योजना के तरीके को भी सीख पाए.
इस मौके पर बच्चों ने मुख्यमंत्री की देखभाल और दूरदर्शिता की सराहना की. बच्चों ने कहा अगर सीएम सर न होते तो हम सिर्फ सहानुभूति के पात्र बनकर रह जाते. सीएम की इस पहल ने हमें राज्य के बच्चों का दर्जा दिलाया है, जिसके लिए हम हमेशा उनके आभारी रहेंगे.
इसके जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, "यह कोई उपकार नहीं है. राज्य के संसाधनों से लाभ उठाना आपका अधिकार है. मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों की देखभाल राज्य के बच्चों के रूप में करने के लिए कानून बनाए हैं. सरकार उनके अभिभावक के रूप में कार्य करेगी और उनके पालन-पोषण, शिक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहायता प्रदान करेगी".
बता दें कि चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट में शामिल 22 बच्चों के समूह ने अपनी यात्रा के दौरान पिंजौर, चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा का भ्रमण किया. उन्होंने भारत की प्रमुख शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा की, तीन सितारा होटलों में ठहरे और कई ऐतिहासिक स्थलों की सैर की. इन बच्चों की यात्रा 2 जनवरी को शुरू हुई, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वयं हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. यह यात्रा 14 जनवरी को शिमला वापस पहुंचकर समाप्त हुई.
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