देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का आज जन्मदिन है. जब बीजेपी ने 2021 में अचानक तीरथ सिंह रावत को हटाकर पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया था तो हर कोई हैरान था. तब विधानसभा चुनाव नजदीक थे और उत्तराखंड को सिर्फ 5 महीने के अंदर तीसरा सीएम मिलने से लग रहा था कि शायद कांग्रेस सत्ता में वापसी कर ले. लेकिन चंद महीनों के कार्यकाल में सीएम धामी ने कमाल कर दिया था.
चुनाव हारने पर भी बीजेपी हाईकमान ने बनाया सीएम: जब 2022 का विधानसभा चुनाव परिणाम आया तो उत्तराखंड में पहली बार कोई राजनीतिक पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी कर चुकी थी. सीएम धामी के नेतृत्व में बीजेपी ने बंपर बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की थी. हालांकि खटीमा से पुष्कर सिंह धामी सीएम रहते हुए चुनाव हार गए थे, लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उन पर विश्वास बरकरार रखते हुए मुख्यमंत्री बनाया. दूसरी बार उत्तराखंड की सीएम की कुर्सी संभालते हुए धामी ने चंपावत से चुनाव जीता.
सीएम के रूप में हासिल की हैं कई उपलब्धियां: धामी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी में अभी तक कई उपलब्धियां हासिल की हैं. विपक्ष चाहे कितना ही हमलावर क्यों न हो, सीएम धामी ने कभी भी गुस्सा या बौखलाहट नहीं दिखाई. बड़े से बड़े आरोपों का भी संयम से जवाब दिया है. दूसरी तरफ कड़े निर्णय लेने में सीएम धामी कभी पीछे नहीं रहे हैं. हार्डकोर हिंदूवादी लोग उन्हें यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा की श्रेणी में रखने लगे हैं.
ये हैं सीएम धामी की उपलब्धियां: 5 जुलाई को उत्तराखंड के सीएम धामी ने अपने दूसरे कार्यकाल के 2 साल पूरे कर लिए थे. इस दो सालों में उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले लिए तो अनेक जनहित के दृष्टिगत विकास कार्य भी कराएं. सीएम धामी के कार्यकाल में अब तक जो कार्य हुए वो इस तरह हैं-
- समान नागरिक संहिता
- नकल विरोधी कानून
- धर्मांतरण कानून
- दंगारोधी कानून
- लैंड जिहाद के खिलाफ निर्णय
क्षैतिज आरक्षण रहा बड़ा काम:इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसद क्षैतिज आरक्षण लागू किया है. उनका मानना है कि इससे महिला सशक्तिकरण को और अधिक बल मिलेगा. उत्तराखंड में नारी सशक्तिकरण योजना के तहत महिलाओं को प्रोजेक्ट कॉस्ट का 30 फीसदी या एक लाख रुपए की सब्सिडी दी जा रही है.
लखपति बन रही दीदियां: उत्तराखंड सरकार लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है. वर्तमान में करीब 80 हजार महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सालाना 5 से 7 लाख रुपए कमा कर लखपति दीदी बनी हैं. धामी सरकार ने 2025 तक उत्तराखंड की 1.50 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है.
मिलेट उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य:2023 को पीएम मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मिलेट इयर घोषित किया था. उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी मोटे अनाज के उत्पादन की पहल की. उत्तराखंड सरकार ने मिलेट्स के तहत मंडुवे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 35.78 रुपए तय किया है. सरकार ने 2025 तक उत्तराखंड में मिलेट उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है.
सीएम धामी 49 साल के हुए (ETV Bharat Graphics) किसानों के लिए योजना: इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार किसानों को 3 लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध दे रही है. किसानों को ‘फार्म मशीनरी बैंक’ योजना के तहत 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है. यही नहीं जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. जैविक खेती के लिए साढ़े चार हजार से ज्यादा जैविक क्लस्टरों में काम चल रहा है.
5वां धाम बन रहा सैन्य धाम: इसके साथ ही उत्तराखंड में 5वें धाम के रूप में सैन्य धाम का निर्माण हो रहा है. हालांकि सैन्य धाम का निर्माण कार्य तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समय ही शुरू हो गया था. लेकिन धामी सरकार में इसे अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है. सैन्यधाम में प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन की मिट्टी लाई गई है.
साहित्य भूषण को मिलेगा 5 लाख का इनाम: 14 सितंबर को हिंदी दिवस के दिन सीएम धामी ने उत्तराखंड के साहित्यकारों के लिए बड़ी घोषणा की. सीएम ने साहित्य सम्मान योजना शुरू करने की घोषणा की. इसकी खास बात ये होगी कि साहित्य सम्मान के विजेता को 5 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा. इसके साथ ही साहित्य के क्षेत्र में काम करने वालो साहित्य साधकों को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार देने की घोषणा भी की गई.
सिलक्यारा टनल हादसे से कुशलता से निपटे: 12 नंवबर 2023 को उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में टनल हादसा हुआ था. मलबा गिरने से सुरंग बंद हो गई और 41 श्रमिक उसके अंदर फंस गए थे. देश दुनिया की नजर इस सुरंग हादसे पर थी. सबसे बड़ी चुनौती सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को बचाने की थी. दुनिया के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन में गिने गए सिलक्यारा टनल हादसे के दौरान अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट ने घटनास्थल पर डेरा डाला था. सीएम धामी ने खुद सिलक्यारा में कैंप कार्यालय बना दिया था. आखिरकार 17वें दिन सभी मजदूरों को सकुशल टनल से बाहर निकाल लिया गया था. इसे उत्तराखंड सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि माना गया. इसका श्रेय सीएम धामी को भी गया.
केदारनाथ यात्रा मार्ग आपदा में संयम और समझदारी: इसी साल 31 जुलाई की रात केदारघाटी में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर जोरदार लैंडस्लाइड, बादल फटने से आपदा आ गई थी. सरकार ने तुरंत यहां राहत और बचाव कार्य चलाया. सीएम धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने खुद पहले ही दिन इलाके का हवाई और जमीनी सर्वेक्षण किया. इससे ज्यादा जनहानि नहीं हुई. सीएम धामी तत्काल सभी संबंधित विभागों से मार्ग ठीक करने को कहा. संबंधित विभागों से हेड को इलाके में ही कैंप करने को कहा गया. इससे केदारनाथ यात्रा कुछ दिन रोकनी पड़ी, लेकिन ज्यादा पैनिक नहीं फैला.
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