नूंह:मानसून चला गया, बारिश थम गई, लेकिन जिले के दर्जनों गांव की हजारों एकड़ भूमि अब भी भारी जलजमाव की जद में है. नूंह का जैवंत गांव इसका उदाहरण है, जिसके चारों तरफ बस पानी ही पानी. ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को उठाया था. अब शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग विश्रामगृह में कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बैठक के दौरान बयान जारी किया है कि विभाग के पास फंड की कमी होने के कारण ये जलभराव की समस्या जस की तस बनी हुई है.
कई गांवों के हालात दयनीय : बता दें कि जिले के कई गांवों में भारी बरसात के कारण दर्जनों गांव की हजारों एकड़ भूमि में जलभराव हो गया. इसके चलते किसान अपने खेतों में बिजाई भी नहीं कर पाए. यहां तक की पुनहाना खंड के जैवंत जैसे गांव तो टापू में तब्दील हो चुके हैं, जहां हवा भरी ट्यूब ही गांव के पार जाने का एक जरिया है. नूंह और इंडरी खंड के दर्जन भर से अधिक गांव के हालात बद से बदतर है. 2022 में रबी की फसल खराबे का मुआवजा अभी तक किसानों को मिला नहीं, कि अब सेम की समस्या किसानों के लिए काफी परेशानी खड़ी कर रही है. आफताब अहमद विधायक ने कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बैठक ली. उपायुक्त नूंह के साथ भी इस समस्या को लेकर एक नहीं बल्कि कई बार मुलाकात की. लेकिन समस्या बरकरार है.
नूंह के गांवों में जलभराव (Etv Bharat) करीब 8 करोड़ की जरूरत, विधायक ने भाजपा पर साधा निशाना : आफताब अहमद ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए सिंचाई विभाग के पास फंड की कमी है. तकरीबन 8 करोड़ रुपए की जरूरत है. आफताब अहमद ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार मेवात के प्रति कतई गंभीर दिखाई नहीं देती है. यहां के किसानों को ना समय पर मुआवजा दिया जाता है और ना ही यहां हजारों एकड़ भूमि में भरे हुए पानी को निकालने का कोई समाधान किया जा रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जब तक किसानों की जलभराव की समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकाला जाएगा, तब तक उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
"समस्या का समाधान करें विभाग" : उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा कि जल्द से जल्द किसानों की समस्या का समाधान किया जाए ताकि किसान अपने खेतों में कृषि कार्य कर सके. कुल मिलाकर नूंह शहर से लेकर इलाके के अलग-अलग क्षेत्र में जलभराव का कोई समाधान सिंचाई विभाग नहीं कर पा रहा है और उसमें सबसे बड़ा रोड़ा फंड की कमी बताई जा रही है. अब सरकार सिंचाई विभाग नूंह को कब तक फंड उपलब्ध करा पाता है और कब तक किसानों के खेतों में जमा पानी को निकाला जाता है, ये देखने वाली बात होगी.
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