सरगुजा: महिला सशक्तिकरण की बात हर वर्ग, हर मौके पर करता है. कभी महिलाओ को देवी की उपमा देकर पूजा जाता है तो कभी आयोजनों में इन्हें शक्ति के स्वरुप में सम्मानित किया जाता है. पुरुष प्रधान समाज में महिला घर के चूल्हे चौके तक ही पहले सीमित रही. धीरे धीरे हालात बदले. अब महिलाएं घर से बाहर भी निकल रही हैं और घर को चला भी रही हैं. बैंक में पैसे भी जमा कर रही हैं और लोगों को लोन भी दिला रही हैं. गांव खेडे में तेजी से अब लखपति दीदी की संख्या में बढ़ रही है.
लखपति दीदी की बढ़ रही संख्या:महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए और उनकी आय में बढ़ोत्तरी के लिए लखपति दीदी योजना चलाई जा रही है. लखपति दीदी योजना का लाभ बड़ी संख्या में सरगुजा संभाग के जिलों में महिलाएं उठा रही हैं. आंकड़ों के मुताबिक आदिवासी संभाग सरगुजा में महिलाएं तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं. लखपति दीदी और NRLM योजना से लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है. आय बढ़ने के साथ साथ जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन: केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला समूहों को प्रशिक्षण और लोन देकर स्वरोजगार से जोड़ने का काम शुरू हुआ. धीरे धीरे महिलायें घर के चूल्हे से निकलकर आमदनी करने लगी, पति के बेरोजगार होने पर कई महिलाओ ने अपना परिवार सम्हाला. प्रधानमंत्री ने लखपति दीदी योजना शुरू की जिसके तहत लक्ष्य देकर महिलाओं को लखपति बनाने का काम शुरू किया गया. इस योजना में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ही काम किया. महिलाओ को स्वरोजगार से जोड़ने काम पहले से ही चल रहा था इसमें सालाना एक लाख की आय तय करने के लिये और भी प्रयास किये गये.
सोनी पैकरा की बदली जिंदगी: सरगुजा जिले के ग्राम घंघरी में रहने वाली आदिवासी महिला सोनी पैकरा जो पहले घरेलू महिला थी. पति खेती से परिवार का भरन पोषण करते थे. सोनी बताती हैं की वो पहले घरेलू महिला थी लेकिन समूह से जुडकर उन्होंने लोन लिया और उस पैसे से उन्होंने खेती और बकरी पालन शूरू किया जिससे अच्छी आमदनी हुई. अब वो समूह में काम करते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में आर बी के बन चुकी है. जिससे उन्हें कमाई के साथ साथ प्रोत्साहन राशि भी मिलती है. लखपति दीदी बनने के साथ साथ साल में एक लाख रुपए मुनाफा भी कमा रही हैं.