भिवानी : "एक भी अग्निवीर सेना की नौकरी से बाहर नहीं आएगा, अभी जिस तरह से दुनिया में जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ता जा रहा है, उसके चलते ऐसे हालात बने हैं कि शायद ही कोई अग्निवीर सेना से बाहर आए". ये बड़ा बयान दिया है पूर्व राज्यसभा सदस्य और केंद्र सरकार की डिफेंस कमेटी के अध्यक्ष रहे जनरल डीपी वत्स ने.
"एक भी अग्निवीर सेना की नौकरी से नहीं आएगा बाहर" :अग्निवीरों को लेकर पूर्व राज्यसभा सदस्य और केंद्र सरकार की डिफेंस कमेटी के अध्यक्ष रहे जरनल डीपी वत्स ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जिस प्रकार की पूरी दुनिया में जियो पॉलिटीकल स्थितियां है, उसके अनुसार उन्हें लगता है कि एक भी अग्निवीर सेना की नौकरी से बाहर नहीं आएगा. अगर ऐसा हुआ भी तो जो भी अग्निवीर 2026 में सेना से बाहर आएंगे, उनके लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने रोजगार के पूरे इंतज़ाम कर रखे हैं. हरियाणा सरकार ने कुछ सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत होरिजेनटल रिजर्वेशन अग्निवीर के लिए रखा है. ये बात उन्होंने भिवानी में ठाकुर बीर सिंह पार्क में कम्युनिटी हॉल की आधारशिला रखते हुए कही. इस मौके पर उनके साथ भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ भी मौजूद थे.
सैनिकों की जरूरत बढ़ी :जनरल डीपी वत्स ने कहा कि वर्ष 2026 में अग्निवीर के पहले बैच की रिटायरमेंट की संभावना है. भारतीय सेना हर वर्ष अपनी इस पॉलिसी का रिव्यू करती है. उसके अनुसार अग्निवीरों को पहले बीएसएफ, सीआरपीएफ और आईटीबीपी में अडजस्ट किया जाएगा. फिर जो अग्निवीर रहेंगे, उन्हें राज्य सरकारों की सरकारी नौकरियों में स्थान दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया में जिस प्रकार की जियो पॉलिटिकल परिस्थितियां है, ऐसे में सैनिकों की जरूरत सुरक्षा को लेकर बढ़ी है. अग्निवीरों का सेना की नौकरी से बाहर आना मुश्किल है. इजरायल इस वक्त युद्ध लड़ रहा है. इजरायल का हर बच्चा फौजी ट्रेनिंग लिए हुए है, ऐसे में भारत के हर युवा को भी फौजी ट्रेनिंग की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी फौजी के बेटे है, जिन्होंने हरियाणा के सेना में शहीद होने वाले जवानों, पूर्व सैनिकों और अग्निवीरों की शहादत पर एक करोड़ रूपये उनके आश्रितों को देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया है.