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हरियाणा में दुधारू पशुओं की सेहत पर पड़ रहा कड़ाके की ठंड का असर, ऐसे करें देखभाल - DAIRY ANIMALS CARE TIPS IN WINTER

हरियाणा में कड़ाके की ठंड का असर दुधारू पशुओं की सेहत पर पड़ रहा है. ठंड में पशुओं की खास तरीके से देखभाल करनी चाहिए.

Cattle in cold in Haryana
कड़ाके की ठंड में गोवंश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 15, 2025, 12:00 PM IST

करनाल/चरखी दादरी: हरियाणा में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ठंड के कारण आमजनमानस के साथ ही दुधारू पशुओं और पालतू जानवर भी बीमारी का शिकार हो रहे हैं. इस बीच पशु विशेषज्ञों ने पशुपालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. साथ ही पशुपालन विभाग ने गौवंश को ठंड से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसके अलावा गौसेवकों ने गौवंश को सर्दी से बचाने के अभियान को सिर्फ कागजों तक सीमित रखने का सरकार पर आरोप लगाते हुए ठोस प्रबंध करने की मांग उठाई है.

जानिए क्या कहते हैं पशुपालक: पशुपालक सुनील कहते हैं, "ठंड में जैसे-जैसे तापमान गिरता है, वैसे ही पालतू पशुओं के शरीर का तापमान भी कम होने लगता है. ठंड में छोटे-बड़े सभी दुधारू पशुओं को बुखार, दस्त, निमोनिया के साथ कई अन्य बीमारियां हो जाती हैं. ठंड में सबसे ज्यादा नवजात और छोटे पशुओं को दस्त और निमोनिया से होती है. इन सब बीमारियों के कारण दूध की मात्रा में कमी आनी शुरू हो जाती है, जिससे पशुपालक की आजीविका पर असर पड़ता है. इस दौरान पशुपालकों को अपने पशुओं की विशेष देखभाल करने की जरूरत होती है."

दुधारू पशुओं की सेहत पर पड़ रहा असर (ETV Bharat)

इस तरह करें रहने की व्यवस्था: पशु रोग विशेषज्ञ डॉ तरसेम राणा का कहना है, "ठंड से बचने के लिए किसान पशुशाला या बाड़े के खुले दरवाजों और खिड़कियों को टाट, जूट या किसी अन्य कपड़े से ढंक दें, जिससे ठंडी हवा बाड़े के अंदर न जा सके. पशुओं को भी जूट का बोरा या मोटे कपड़े से बना बिछौना पहनाएं, जिससे पशुओं के शरीर में गर्माहट बनी रहे. पशुओं के रहने की जगह पर नमी न होने दें. इसके लिए बाड़े के बाहर अलाव जला सकते हैं. गर्म हीटर का भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन पशुओं को इनसे दूर रखे. छोटे पशुओं को जरूर धूप में बाहर निकाले, जिससे वह चल फिर और दौड़ सकें. इससे उनके शरीर में ऊर्जा आएंगी."

कब और कैसे नहलाएं: पशु रोग विशेषज्ञ डॉ तरसेम राणा की मानें तो सर्दियों में पालतू पशुओं की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि इस मौसम में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया पनपते हैं. जो उन्हें बीमार कर सकते हैं. सर्दियों में धूप निकलने पर पशुओं को सप्ताह में 2 से 3 बार नहलाएं.

ऐसे बढ़ाएं दूध की मात्रा: पशु रोग विशेषज्ञ ने आगे बताया, "सर्दियों में ठंड लगने पर गाय-भैंस और अन्य दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन की क्षमता ज्यादा प्रभावित होती है. दूध क्षमता बढ़ाने के लिए पशुओं को हर रोज 250 ग्राम गुड़ दें. उनके आहार का विशेष ध्यान रखें. सूखा और हरा चारा दो से एक के अनुपात में दें, क्योंकि सूखा चारा शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है. पीने के लिए रात के रखे पानी का प्रयोग ना करें. ताजा पानी ही पिलाएं, जिससे शरीर हाइड्रेट रहेगा.पशुओं को सर्दियों में ऊर्जा देने वाला आहार खिलाएं. पशुओं के शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए सरसों के तेल के साथ गुड़ को मिलाकर खिलाएं. सर्दियों में रात के समय किसान अपने पालतू जानवरों को सूखा चारा खिलाएं."

चरखी दादरी में ठंड में पालतू पशु (ETV Bharat)

गौसेवकों का आरोप: कड़ाके की ठंड में जहां गौवंश सड़कों पर खुले में घूम रहे हैं. वहीं, पशुपालन विभाग ने गौवंश को ठंड से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है. साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों को भी जागरूक करने की ड्यूटी लगाई गई हैं. इस बीच गौसेवकों ने गौवंश को सर्दी से बचाने के अभियान को सिर्फ कागजों तक सीमित रखने का आरोप लगाया है. साथ ही ठोस कार्रवाई की मांग की है.

"पशुपालन विभाग द्वारा गौवंश को बचाने के अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित हैं. लगातार गौवंश की मौत हो रही है. सरकार और प्रशासन मौन है." -रिंपी फोगाट, गौसेवक

पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी: पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ जसवंत जून का कहना है, "ठंड से गौवंश को बचाने के लिए गौशालाओं के संचालकों के साथ-साथ आमजन को भी जागरूक किया जा रहा है. वहीं, नगर परिषद को आवारा पशुओं को गौशालाओं में छोड़ने का टेंडर जारी किया गया है. सर्दी से गौवंश को बचाने के लिए विभाग के आदेशों का गौशालाओं को सख्ती से पालन करना होगा. गौशाला प्रबंधकों से मिलकर गायों को सर्दी से बचाने के लिए उपयुक्त उपाय करवाएं. जिन गौवंश को उपचार की जरूरत है. उन पशुओं का समय पर उपचार करें. साथ ही गोवंश की जान बचाएं. पशुओं को शेड में मूत्र-गोबर इत्यादि को एकत्रित ना होने दें. धूप निकलने पर तिरपाल को हटाकर शेड में हवा भी गुजरने दें, जिससे शेड में बदबू नहीं होगी."

बता दें कि इस समय पूरे उत्तर भारत में ठंड का कहर जारी है. कड़कड़ाती ठंड के बीच सड़कों पर खुले में गौवंश घूम रहे हैं. ठंड के चलते गौवंश की भी लगातार मौत हो रही है. ऐसे में सरकार के आदेश पर पशुपालन विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है.

ये भी पढ़ें:ठंड की चपेट में आने से दुधारू पशुओं पर पड़ सकता है प्रभाव, पशुपालन विभाग ने बताए पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय - ANIMAL CARE IN WINTER

करनाल/चरखी दादरी: हरियाणा में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ठंड के कारण आमजनमानस के साथ ही दुधारू पशुओं और पालतू जानवर भी बीमारी का शिकार हो रहे हैं. इस बीच पशु विशेषज्ञों ने पशुपालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. साथ ही पशुपालन विभाग ने गौवंश को ठंड से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसके अलावा गौसेवकों ने गौवंश को सर्दी से बचाने के अभियान को सिर्फ कागजों तक सीमित रखने का सरकार पर आरोप लगाते हुए ठोस प्रबंध करने की मांग उठाई है.

जानिए क्या कहते हैं पशुपालक: पशुपालक सुनील कहते हैं, "ठंड में जैसे-जैसे तापमान गिरता है, वैसे ही पालतू पशुओं के शरीर का तापमान भी कम होने लगता है. ठंड में छोटे-बड़े सभी दुधारू पशुओं को बुखार, दस्त, निमोनिया के साथ कई अन्य बीमारियां हो जाती हैं. ठंड में सबसे ज्यादा नवजात और छोटे पशुओं को दस्त और निमोनिया से होती है. इन सब बीमारियों के कारण दूध की मात्रा में कमी आनी शुरू हो जाती है, जिससे पशुपालक की आजीविका पर असर पड़ता है. इस दौरान पशुपालकों को अपने पशुओं की विशेष देखभाल करने की जरूरत होती है."

दुधारू पशुओं की सेहत पर पड़ रहा असर (ETV Bharat)

इस तरह करें रहने की व्यवस्था: पशु रोग विशेषज्ञ डॉ तरसेम राणा का कहना है, "ठंड से बचने के लिए किसान पशुशाला या बाड़े के खुले दरवाजों और खिड़कियों को टाट, जूट या किसी अन्य कपड़े से ढंक दें, जिससे ठंडी हवा बाड़े के अंदर न जा सके. पशुओं को भी जूट का बोरा या मोटे कपड़े से बना बिछौना पहनाएं, जिससे पशुओं के शरीर में गर्माहट बनी रहे. पशुओं के रहने की जगह पर नमी न होने दें. इसके लिए बाड़े के बाहर अलाव जला सकते हैं. गर्म हीटर का भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन पशुओं को इनसे दूर रखे. छोटे पशुओं को जरूर धूप में बाहर निकाले, जिससे वह चल फिर और दौड़ सकें. इससे उनके शरीर में ऊर्जा आएंगी."

कब और कैसे नहलाएं: पशु रोग विशेषज्ञ डॉ तरसेम राणा की मानें तो सर्दियों में पालतू पशुओं की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि इस मौसम में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया पनपते हैं. जो उन्हें बीमार कर सकते हैं. सर्दियों में धूप निकलने पर पशुओं को सप्ताह में 2 से 3 बार नहलाएं.

ऐसे बढ़ाएं दूध की मात्रा: पशु रोग विशेषज्ञ ने आगे बताया, "सर्दियों में ठंड लगने पर गाय-भैंस और अन्य दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन की क्षमता ज्यादा प्रभावित होती है. दूध क्षमता बढ़ाने के लिए पशुओं को हर रोज 250 ग्राम गुड़ दें. उनके आहार का विशेष ध्यान रखें. सूखा और हरा चारा दो से एक के अनुपात में दें, क्योंकि सूखा चारा शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है. पीने के लिए रात के रखे पानी का प्रयोग ना करें. ताजा पानी ही पिलाएं, जिससे शरीर हाइड्रेट रहेगा.पशुओं को सर्दियों में ऊर्जा देने वाला आहार खिलाएं. पशुओं के शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए सरसों के तेल के साथ गुड़ को मिलाकर खिलाएं. सर्दियों में रात के समय किसान अपने पालतू जानवरों को सूखा चारा खिलाएं."

चरखी दादरी में ठंड में पालतू पशु (ETV Bharat)

गौसेवकों का आरोप: कड़ाके की ठंड में जहां गौवंश सड़कों पर खुले में घूम रहे हैं. वहीं, पशुपालन विभाग ने गौवंश को ठंड से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है. साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों को भी जागरूक करने की ड्यूटी लगाई गई हैं. इस बीच गौसेवकों ने गौवंश को सर्दी से बचाने के अभियान को सिर्फ कागजों तक सीमित रखने का आरोप लगाया है. साथ ही ठोस कार्रवाई की मांग की है.

"पशुपालन विभाग द्वारा गौवंश को बचाने के अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित हैं. लगातार गौवंश की मौत हो रही है. सरकार और प्रशासन मौन है." -रिंपी फोगाट, गौसेवक

पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी: पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ जसवंत जून का कहना है, "ठंड से गौवंश को बचाने के लिए गौशालाओं के संचालकों के साथ-साथ आमजन को भी जागरूक किया जा रहा है. वहीं, नगर परिषद को आवारा पशुओं को गौशालाओं में छोड़ने का टेंडर जारी किया गया है. सर्दी से गौवंश को बचाने के लिए विभाग के आदेशों का गौशालाओं को सख्ती से पालन करना होगा. गौशाला प्रबंधकों से मिलकर गायों को सर्दी से बचाने के लिए उपयुक्त उपाय करवाएं. जिन गौवंश को उपचार की जरूरत है. उन पशुओं का समय पर उपचार करें. साथ ही गोवंश की जान बचाएं. पशुओं को शेड में मूत्र-गोबर इत्यादि को एकत्रित ना होने दें. धूप निकलने पर तिरपाल को हटाकर शेड में हवा भी गुजरने दें, जिससे शेड में बदबू नहीं होगी."

बता दें कि इस समय पूरे उत्तर भारत में ठंड का कहर जारी है. कड़कड़ाती ठंड के बीच सड़कों पर खुले में गौवंश घूम रहे हैं. ठंड के चलते गौवंश की भी लगातार मौत हो रही है. ऐसे में सरकार के आदेश पर पशुपालन विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है.

ये भी पढ़ें:ठंड की चपेट में आने से दुधारू पशुओं पर पड़ सकता है प्रभाव, पशुपालन विभाग ने बताए पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय - ANIMAL CARE IN WINTER

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