बांसवाड़ा. संभाग के तीन जिलों में कार्यरत जनजाति विश्वविद्यालय की ओर से धोखादड़ी का मामला सामने आया है. सरकारी और निजी कुल 153 विश्वविद्यालय को संचालित करने वाली यूनिवर्सिटी के पास एलएलबी कराने की अनुमति ही नहीं है, जबकि यहां सैकड़ों स्टूडेंट्स एलएलबी द्वितीय वर्ष में हैं. बाकायदा यूनिवर्सिटी की ओर से प्रथम वर्ष का रिजल्ट घोषित कर उन्हें मार्कशीट भी दी गई है.
शहर के माही डैम रोड पर गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय का संचालन किया जाता है. विश्वविद्यालय परिसर में ही एलएलबी कर रहे छात्रों को किसी तरह पता चला कि बिना अनुमति के ही एलएलबी कराई जा रही है. ऐसे में उन्होंने हंगामा कर दिया. बात प्रबंधक तक पहुंची तो बार काउंसिल ऑफ इंडिया व अन्य संस्थाओं के दस्तावेज कंगाले गए. इससे पता चला कि कि यूनिवर्सिटी ने अप्लाई तो किया है, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली है. ऐसे में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स विरोध पर उतर आए. सबसे ज्यादा विरोध निजी कॉलेज संचालकों की ओर से किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने फीस लेकर छात्रों का प्रवेश कराया और 2 साल से कोर्स करा रहे हैं.
जब ईटीवी भारत ने इस संबंध में कॉलेज संचालकों से बात की तो वेलफेयर सोसाइटी के सचिव ने बताया कि हमने रजिस्ट्रार से मुलाकात की है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यूनिवर्सिटी के पास फिलहाल मान्यता नहीं है, लेकिन हम प्रयास कर रहे हैं. जल्द ही मान्यता मिल जाएगी.