सुंदरनगर: मानसून इन दिनों अपने चरम पर है और मूसलाधार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. जगह-जगह बाढ़ और भूस्खलन के मामले भी सामने आ रहे हैं. बारिश के मौसम में नदी नालों को पार करना तो दूर उनके नजदीक जाना भी खतरे से खाली नहीं है, लेकिन पिछले एक साल से मंडी जिला की जोगिंद्रनगर उपमंडल की ग्राम पंचायत पिपली के रणा रोपा गांव में छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को नाले के तेज बहाव को पार कर स्कूल पहुंचना पड़ता है. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन न सरकार और न ही प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है.
बच्चों के साथ साथ ग्रामीणों को भी इस नाले पर पुल न होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्कूल जाने वाले बच्चों को परिजन अपनी पीठ पर नाले के आर-पार छोड़ते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि नाले पर पैदल चलने वाली पुलिया पिछली वर्ष बरसात में बह गई थी. तब से लेकर आजतक यहां एक छोटी सी पुलिया भी सरकार और प्रशासन नहीं बनवा पाए. इन दिनों बरसात में नाले से आर-पार जाना ही मुश्किल हो गया है. नाले के तेज बहाब में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर एक दूसरे का सहारा लेकर नाले के आर पार जाते हैं. नाले पर पुल के निर्माण को लेकर चुने हुए जनप्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन से लोग कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
पिछले साल बह गया था पुल