सराज: अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी दिव्यता और परंपरा का एक अनूठा उत्सव है. मंडी शिवरात्रि के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इसका आयोजन 27 फरवरी से 5 मार्च तक किया जाएगा. इस वार इस महोत्सव में 216 देवी देवता भाग लेंगे. देवता खुड़ीजहल शिवरात्रि में भाग लेने के लिए रवाना हो चुके हैं. देवता खुड़ीजहल शिवरात्रि में पहुंचने के लिए सबसे ज्यादा दूरी तय करेंगे.
देव चपलादूं नाग सबसे दूर से मंडी शिवरात्रि में भाग लेने जाते थे, जो छतरी से 9 किलोमीटर दूर चपलादीं धार से आते थे, लेकिन देवता खुड़ीजहल छतरी से भी 21 किलोमीटर दूर सूखजहल पंचायत से आ रहा हैं. ये अब तक की सबसे लंबी दूरी है. देवता के अध्यक्ष नेत्र सिंह ठाकुर ने कहा कि, 'देवता का मूल स्थान खूड़ी गाड़ में है. मंगलवार को देवता खूड़ी जहल देवलुओं संग मंडी शिवरात्रि के लिए रवाना हुए थे.सड़क मार्ग बहुत लम्बा होने के कारण पैदल रास्ते को चुना था. 10 से 12 किलोमीटर रास्ते में डेढ़ से ढाई फीट तक बर्फ मिली. देवता का रथ बहल से नौदन धार होते हुए जंजैहली स्थित रेशन पहुंचा था. बुधवार को देवता थुनाग में रुकेंगे. वीरवार को कांढा और इसके बाद दो दिन चैलचौक में रूकेंगे. उसके बाद पथरोहा और घासणू (बैहना) में रुकेंगे. 26 फरवरी को देवता मंडी पहुंच जाएंगे.'
देवता के कारदार शोभाराम बताया ने कहा कि, 'देवता खुड़ीजहल रियासत काल से मंडी शिवरात्रि में भाग लेने के लिए जाते रहे हैं, लेकिन कुछ कारणों से शिवरात्रि में भाग नहीं ले पाए. इसके बाद देवता की जिद्द के आगे हम स्वतंत्र भारत में 2006 में पहली बार शिवरात्रि मेले में भाग लेने गए थे, जिसके बाद 2008, 2010, 2014, 2018 और 2022 में भाग लेने के लिए पहुंचे थे. इस बार हमारा ठहरने का प्रबंध विकासा सदन में किया गया है. पिछली बार भी हमें वहीं ठहराया गया था.'
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