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गया में नितिन गडकरी ने भगवान बुद्ध को किया नमन, विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की

मंत्री नितिन गडकरी पत्नी कंचन गडकरी के साथ महाबोधि मंदिर पहुंच कर भगवान बुद्ध को नमन किया. उन्होंने विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की.

महाबोधि मंदिर मंदिर में पत्नी के साथ पूजा अर्चना करते नितिन गडकरी
महाबोधि मंदिर मंदिर में पत्नी के साथ पूजा अर्चना करते नितिन गडकरी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 11 hours ago

गया: सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी बिहार के गया दौरे पर थे. मगध विश्वविद्यालय और एनएचएआई प्रोग्रामों में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पत्नी कंचन गडकरी के साथ महाबोधि मंदिर पहुंच कर भगवान बुद्ध को नमन किया. महाबोधि मंदिर पहुंचने पर बीटीएमसी की सचिव डॉक्टर महाश्वेता महारथी ने उनकी अगवानी की और खादा देकर उनका स्वागत किया. केंद्रीय मंत्री ने महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की.

विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना किया:केंद्रीय मंत्री ने मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना की. बोधिवृक्ष के नीचे बैठकर शांति के कुछ पल गुजारे और विश्व कल्याण के खुशहाली तरक्की की प्रार्थना किये. बीटीएमसी के भंते ने सूत्त पाठ कर पूजा अर्चना कराई. महाबोधि मंदिर परागण में स्थित बोधि वृक्ष के नीचे विशेष प्रार्थना सभा हुई. जिसमें केंद्रीय मंत्री अपनी पत्नी संग सभा में शामिल हुए. महाबोधि के बाद केंद्रीय मंत्री विष्णुपद मंदिर गए और वहां भी जाकर पूजा-अर्चना किये.

भगवान बुद्ध को नमन करते सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (ETV Bharat)

राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के अधिवेशन में शामिल हुए गडकरी: मगध विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की 22वीं अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. भारत 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था होगा. इस विषय पर अब तक के कार्यों और नीतियों की उपलब्धि और कर्मियों पर विस्तार से उन्हों ने चर्चा की. केंद्रीय मंत्री ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को दूरदर्शी नेता तो बताया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू उस वक्त रसिया की नीतियों से प्रभावित थे.

गया में डिप्टी सीएम विजय सिंहा के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (ETV Bharat)

सरकार व्यापार नहीं नीति बनाए: उन्होंने कहा कि, ''सरकार को कभी व्यापार नहीं करना चाहिए, नीतियां बनाना सरकार का काम है, होटल चालाना सरकार का काम नहीं है. परिणाम यह हुआ कि देश में पहले पच्चीस तीस साल हमारे देश के बचत से कैपिटल इन्वेस्ट आई उसमें गांव में बनने के लिए रोड नहीं आए, किसानों को सिंचाई के लिए व्यवस्था नहीं दी गई.''

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