मुजफ्फरपुर:बिहार के मुजफ्फरपुरमें बच्ची के जन्म के बाद मिठाई खाने के लिए एक हजार रुपए नहीं मिलने पर नवजात को डॉक्टर से नहीं मिलने दिया गया. बच्ची की मां गुहार लगाती रही, लेकिन अस्पताल कर्मियों का दिल नहीं पसीजा, जिसके बाद नवजात की मौत हो गई. मामला जिले के एसकेएमसीएच का है, जहां अस्पताल कर्मियों की लालच ने एक नवजात बच्ची की जान ले ली.
सुस्त और कमजोर थी बच्ची:दरअसल जिले के हथौड़ी थाना के नरमा निवासी बिट्टू कुमार की गर्भवती पत्नी खुशी कुमारी को प्रसव पीड़ा हो रही थी. उसके परिजनों ने उसे एसकेएमसीएच के एमसीएच भवन में भर्ती कराया था. अहले सुबह 3:30 बजे नॉर्मल डिलीवरी से बच्ची का जन्म हुआ. जन्म के बाद से ही बच्ची सुस्त व कमजोर दिख रही थी.
अस्पताल कर्मियों की लालच ने ली बच्ची की जान: बच्ची को डॉक्टर से दिखाने के बजाय अस्पताल कर्मी परिजनों से एक हजार रुपए की डिमांड करते रहे. परिजन गुहार लगाते रहे, पर कर्मियों की संवेदना नहीं जागी. अंतत: उनकी इस लापरवाही ने साढ़े 12 घंटे के बाद बच्ची की जिंदगी छीन ली. लेबर रूम में मौजूद परिजन रीना देवी ने बताया कि बिट्टू कुमार व खुशी की वह पहली संतान थी.
"बच्ची को डॉक्टर से दिखाने के लिए गुहार लगा रहे थे. लेकिन, नर्सिंग स्टाफ व सफाई कर्मी मिठाई खाने के लिए रुपए की डिमांड करने लगे. बिना रुपए दिए बच्ची को परिजन के हवाले करने के लिए तैयार नहीं थे. उस वक्त बच्ची के पिता या कोई अन्य पुरुष परिजन भी साथ में नहीं थे. केवल महिलाएं थीं और उनके पास उतने रुपए नहीं थे."-रीना देवी, परिजन