जमुई: बिहार के जमुई में वैसे तो शिक्षा विभाग और कारनामे सुनने देखने को मिलते ही रहते हैं. अब एक और मामला आया सामने तो कार्रवाई के डर से शिक्षक फरार हो गए हैं. फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करते तीन शिक्षकों को पाया गया है. जिसका खुलासा विभागीय जांच में हुई है. इसके बाद तीनों शिक्षकों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है. इसके बाद तीनों शिक्षक फरार हैं.
जमुई के तीन शिक्षक फरार: फर्जी सर्टिफिकेट पर कार्यरत सभी शिक्षक उत्क्रमित मध्य विद्यालय नगदेवा के है. जिसकी पहचान शिक्षिका अनु कुमारी, रविन्द्र कुमार रवि और गोपाल कुमार के रूप में हुई है. अब शिक्षकों को कार्रवाई का डर सता रहा है तो ये तीनों बिना सूचना के महीनों से स्कूल से गायब हैं. विभाग ने इस आशय को लेकर नियोजन ईकाई बरहट को लेटर जारी करते हुए विधि सम्मत कार्रवाई करने की बात कही है.
विभागीय जांच में पाई गई गड़बड़ी: शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए पूर्व में बिना परीक्षा लिए शिक्षक की बहाली की थी. इस बहाली प्रक्रिया में पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव की बड़ी भूमिका थी. इसी बहाली प्रक्रिया में वर्ष 2015 में प्राथमिक विद्यालय कैरीबांक मुसहरी में शिक्षिका अनु कुमारी, रविन्द्र कुमार और गोपाल कुमार को पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव द्वारा बहाल किया गया.
आठ साल से उठा रहे थे वेतन: तकरीबन आठ-नौ साल इन शिक्षकों ने विभाग की आंखों में धूल झोंककर लाखों रुपए वेतन मद का उठाया. विभाग द्वारा जब सभी शिक्षकों का सर्टिफिकेट आन लाइन अपलोड कराया गया तो इन शिक्षकों ने भी अपना सर्टिफिकेट अपलोड किया. जांचोपरांत इन शिक्षकों का सर्टिफिकेट, सक्षमता प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. तब विभाग के अधिकारियों ने इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण करते हुए जवाब देने को कहा किंतु कोई भी शिक्षक उपस्थित हुए न जवाब दिया.
एक सर्टिफिकेट पर कई जगह कर रहे हैं नौकरी: विभागीय सूत्रों की मानें तो जांच में खुलासा हुआ कि गोपाल कुमार के सर्टिफिकेट पर नवसृजित प्राथमिक विद्यालय हुसैन चक, बख्तियारपुर में भी शिक्षक कार्यरत हैं. जबकि रविन्द्र कुमार रवि के नाम पर प्राथमिक विद्यालय नगदेवा के अलावा प्राथमिक विद्यालय अनुसूचित टोला अकौना, शेखपुरा और मुंगेर जिला के संग्रामपुर में भी कार्यरत बताए गए हैं. जबकि अनु कुमारी के नाम पर 6 जगहों पर शिक्षिका कार्यरत बताई गई है.
"विभागीय पत्र मिलने के बाद इन शिक्षकों को शोकॉज किया गया है. अगर आरोपित शिक्षक अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो 17 जनवरी को पंचायत समिति व शिक्षा समिति की बैठक रखी गई है. उसी बैठक में निर्णय कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी." - एसके पांडेय, अध्यक्ष, नियोजन ईकाई सह प्रखंड विकास पदाधिकारी
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