पटनाः1 जुलाई से पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता(BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(BNSS) व भारतीय साक्ष्य अधिनियम(BSA) लागू हो जाएगा. ये कानून क्रमशः भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) और पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनयम(IEA) की जगह लेंगे. इसके साथ ही अंग्रेजों के जमाने से चली आ रहीं पुरानी धाराएं और नियम-कानून में काफी बदल जाएंगे. भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के नाम से जाना जाएगा.
जानिए क्या बदला? महिला संबंधी अपराध के लिए IPC 354 के बदले BNS 74, इसी तरह 354A के बदले 75, 354B के बदले 76, 354C के बदले 77, 354D के बदले 78 और 509 के बदले 79 धारा लगाया जाएगा. वहीं चोरी संबंधी अपराध के लिए IPC 379 के बदले BNS 303(2), 411 के बदले 317(2), 457 के बदले 331(4) और 380 के बदले 305 धारा दर्ज किया जाएगा.
लूट संबंधी धाराएं बदलीः लूट संबंधी अपराध के लिए नई धारा लागू की गयी है. IPC 392 के बदले BNS 309, 393 के 309(5), 394 के बदले 309(6) धारा के तहत केस दर्ज होगा. हत्या-आत्महत्या जैसे अपराध के लिए IPC 302 के बदले BND 103, 304(B) के बदले 80(2), 306 के बदले 108, 307 के बदले 109, 304 के बदले 105, 308 के बदले 110 धारा के तहत केस दर्ज होगा.
धोखाधड़ी संबंधी कानून बदलेः धोखाधड़ी संबंधी अपराध के लिए नयी धारा होगी. IPC 419 के बदले BNS 319, 419 के बदले 319(2), 420 के बदले 318(4), 466 के बदले 337, 467 के बदले 338, 468 के बदले 336(3), 471 के बदले 340(2) धारा के तहत केस दर्ज होगा.
जीरो FIR के तहत केस दर्जः किसी भी व्यक्ति के साथ कोई घटना घटती है तो वह कहीं भी प्राथमिक की दर्ज करवा सकता है. जीरो एफआईआर से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा सकता है. भले ही अपराध उस थानाक्षेत्र में नहीं हुआ हो. यह कानून लाने का मुख्य उद्देश्य कानूनी कार्यवाही शुरू करने में होने वाली देरी खत्म करना है.