नई दिल्लीः हाल ही में चार जून को आए नीट यूजी-2024 परीक्षा के परिणाम को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है. 67 छात्रों के एक समान नंबर आने और उनके टॉप करने से हर कोई इस पर आश्चर्य चकित है. साथ ही छह सेंटरों के बच्चों को ग्रेस मार्क्स देने से उनके मेरिट में आने को लेकर भी बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं और छात्र संगठनों द्वारा इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. इसके अलावा विपक्षी पार्टियां भी परीक्षा परिणाम की सीबीआई जांच की मांग कर रही हैं. यूथ कांग्रेस ने इसके खिलाफ कल विरोध प्रदर्शन भी किया था. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिशन (आइसा) भी अपना विरोध जता चुका है.
परीक्षाओं में गड़बड़ी और तमाम विसंगतियों पर युवा हल्ला बोल के संस्थापक अनुपम ने कहा है
युवा हल्ला बोल के संस्थापक अनुपम से बातचीत (SOURCE: ETV BHARAT)
मुझे हैरत हुई. मैंने पहली बार भारत में यह देखा कि जिस परीक्षा का परिणाम आने की तारीख 14 जून तय है. उसका परिणाम अचानक चार जून को घोषित कर दिया जाता है. एनटीए ने अपने विज्ञापन में खुद यह कहा था कि 14 जून को परिणाम घोषित करेंगे. पूरे 10 दिन पहले परीक्षा परिणाम घोषित किया गया. पूरी दुनिया को पता है कि चार जून को भारत में क्या हो रहा था. लोकसभा चुनाव के नतीजे आ रहे थे. पूरे देश र मीडिया का ध्यान चुनाव परिणाम पर था.
उन्होंने सवाल उठाए कि कैसे 67 अभ्यर्थियों के एक जैसे मार्क्स आ गए. क्यों अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए. युवा हल्ला बोल के संस्थापक अनुपम ने सरकार पर हल्ला बोला और कहा कि क्या ये चौथी-पांचवी का एग्जाम है जो ग्रेस मार्क्स दे दिए गए.
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